फिर पकड़ा गया PAK का झूठ, भारत ने मोदी-अब्बासी की मुलाकात के दावे को किया खारिज

आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान के झूठ का एक बार फिर से दुनिया के सामने पर्दाफाश हो गया है. भारत ने पाकिस्तान के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि लंदन में राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों के सम्मेलन (चोगम) के दौरान पीएम मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के बीच मुलाकात हुई थी. पाकिस्तान ने यह भी दावा किया था कि दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और संक्षिप्त बातचीत की.

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पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम खाकान अब्बासी पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम खाकान अब्बासी

राम कृष्ण / गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 10:19 PM IST

आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान के झूठ का एक बार फिर से दुनिया के सामने पर्दाफाश हो गया है. भारत ने पाकिस्तान के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि लंदन में राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों के सम्मेलन (चोगम) के दौरान पीएम मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के बीच मुलाकात हुई थी. पाकिस्तान ने यह भी दावा किया था कि दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और संक्षिप्त बातचीत की.

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भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष खाकान अब्बासी की मुलाकात के सवाल पर कहा कि लंदन में चोगम के दौरान दोनों नेताओं के बीच न तो कोई मुलाकात हुई है और न ही दोनों ने हाथ मिलाया है. सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी और अब्बासी के बीच किसी भी तरह की मुलाकात नहीं हुई. दोनों नेताओं की मुलाकात का दावा पूरी तरह से गलत है.

दरअसल, पाकिस्तान सरकार के सूत्रों ने दावा किया था कि लंदन में राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों के सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और पाकिस्तानी पीएम शाहिद खाकान अब्बासी के बीच मुलाकात हुई थी. इस सम्मेलन के समापन से ठीक पहले दोनों नेताओं ने बातचीत की और हाथ मिलाया. इस बारे में पाकिस्तानी मीडिया में खबरें छपी थीं.

इतना नहीं, पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि उनके प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से कश्मीर मुद्दे पर भी चर्चा की. इस बीच पीएम मोदी ने पाकिस्तान में होने वाले आगामी आम चुनाव और वहां के राजनीति हालात पर भी चर्चा की.

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मालूम हो कि जनवरी 2016 में पठानकोट आतंकवादी हमले और फिर उसी साल सितंबर में जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के एक शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास काफी बढ़ गई थी. इसके अलावा सीमा पर लगातार पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है और आतंकी घुसपैठ कराने की कोशिश की जा रही है. इसके चलते भी दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ा है.

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