लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव कम करने को लेकर भारत-चीन की सेना के बीच एक बार फिर मैराथन स्तर पर बातचीत हुई. चीनी सेना के आग्रह पर आज की यह बैठक बुलाई गई थी जो करीब 11 घंटे चली. कोर कमांडर स्तर की बैठक चीन की तरफ मोल्डो इलाके में हुई. ये बैठक गलवान में चीन के साथ हुई झड़प के बाद बने तनाव को कम करने को लेकर हुई. मंगलवार को फिर यह वार्ता हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक चीन और भारत के बीच LAC पर कोर कमांडर स्तर की बैठक चली. बातचीत के दौरान भारत ने चीन से एलएसी से सैनिकों की वापसी के लिए समय सीमा मांगी. इसके अलावा फिंगर 4 सहित 2 मई से पहले की स्थिति और तैनाती को बनाए रखने के लिए कहा है. बता दें कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच आज सुबह 11 बजे से ही बैठक चल रही थी जो देर रात खत्म हुई.
बैठक में भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने बैठक का नेतृत्व किया तो चीन की तरफ से मेजर जनरल लियु लिन बैठक में शामिल हुए. गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच यह बड़ी बातचीत हुई. इसका मकसद एलएसी पर पहले वाली स्थिति को बनाए रखना है.
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माना जा रहा है कि भारत की ओर से एलएसी पर पहले की स्थिति को बनाए रखने की मांग की गई. साथ ही गलवान जैसी घटना भविष्य में न हो, इसके लिए भी दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की ओर से बातचीत की जाएगी. 6 जून के एग्रीमेंट पर भी बात होगी, जिसमें तय हुआ था कि चीन अपनी सेना को एलएसी से पीछे ले जाएगी.
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सूत्रों का कहना है कि भारत ने चीन से 4 मई के पहले की स्थिति को बनाए रखने की मांग की है. लद्दाख सीमा पर 4 मई के बाद के मिलिट्री पोजिशन से चीनी सेना को हटने के लिए कहा गया है. हालांकि, अभी चीन की ओर से पीछे हटने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. बताया जा रहा है कि चीन पीछे हटने के मूड में नहीं है.
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भारत ने चीन से एलएसी पर दोनों देशों के जवानों के बीच झड़प को लेकर नियम बदलने को कहा है. यह फैसला गलवान घाटी में चीन के विश्वासघात के बाद लिया गया है. भारत ने चीन को एलएसी के पास बनाए गए सभी बिल्डअप को खत्म करने के लिए कहा है. भारत ने गलवान वैली को अपनी प्रतिबद्धताओं को फिर से दोहराया है.
शुजा उल हक / मंजीत नेगी