चीन की चालबाजी पर भारतीय सेना सख्त, जवानों को हिरासत में लेने की बात को नकारा

सेना की ओर से यह बयान भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) को लेकर चल रही तनातनी के बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के लद्दाख दौरे के बाद आया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

अभि‍षेक भल्ला / मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2020,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

  • सेना प्रमुख के लद्दाख दौरे के बाद आया सेना का बयान
  • भारत और चीन के बीच एलएसी पर चल रही है तनातनी

चीन के साथ चल रही तनातनी के बीच भारतीय सैनिकों की एक पेट्रोलिंग पार्टी को चीनी सैनिकों द्वारा हिरासत में लेने की खबरें आईं. अब इन खबरों को लेकर सेना ने बयान जारी किया है. सेना की ओर से जारी बयान में इन खबरों को गलत बताया गया है.

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सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने इसका खंडन किया और कहा कि सीमा पर किसी भी भारतीय सैनिक को हिरासत में नहीं लिया गया था. इससे हम स्पष्ट रूप से इनकार करते हैं. उन्होंने कहा कि जब मीडिया इस तरह की खबरों को बगैर सोचे-समझे चलाता है, तो इससे केवल राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंचती है.

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गौरतलब है कि पिछले सप्ताह इस तरह की खबरें आई थीं कि भारतीय सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों को चीनी सैनिकों ने हिरासत में ले लिया था और हथियार सीज कर दिए थे. सेना की ओर से यह बयान भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) को लेकर चल रही तनातनी के बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के लद्दाख दौरे के बाद आया है. सेना प्रमुख ने 23 मई को लद्दाख का दौरा कर शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर हालात की जानकारी ली थी. सेना प्रमुख ने लेह स्थित सेना के 14 कॉर्प्स मुख्यालय का दौरा भी किया और उत्तरी कमांड के अधिकारियों से हालात को लेकर चर्चा की थी.

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बता दें कि चीन कोरोना वायरस की महामारी को लेकर वैश्विक स्तर पर घिरा हुआ है. ऐसा माना जा रहा है कि कूटनीतिक दबाव झेल रहा चीन दुनिया का ध्यान अब सीमा विवाद की ओर शिफ्ट करना चाह रहा है. पिछले दिनों लद्दाख के अलावा सिक्किम में भी सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प की घटना सामने आई थी.

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