अरविंद केजरीवाल पर योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के 'वार'

योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला किया है. प्रशांत भूषण ने खुले तौर पर केजरीवाल को तानाशाह बताया और कहा कि वह सिर्फ समर्थकों से घिरे रहना चाहते हैं.

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प्रशांत भूषण और अरविंद केजरीवाल प्रशांत भूषण और अरविंद केजरीवाल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 मार्च 2015,
  • अपडेटेड 3:27 PM IST

योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला किया है. प्रशांत भूषण ने खुले तौर पर केजरीवाल को तानाशाही बताया और कहा कि वह सिर्फ समर्थकों से घिरे रहना चाहते हैं. उन्हें स्वतंत्र राय रखने वाले लोग नहीं पसंद हैं. एक नजर केजरीवाल पर योगेंद्र और प्रशांत द्वारा किए गए हमलों पर...

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अरविंद केजरीवाल तानाशाह
प्रशांत भूषण ने कहा, 'मैं कई बार अरविंद केजरीवाल को कह चुका हूं. तुम चाहते हो कि जो तुमने तय किया वही फैसला लिया जाए. यह जनहित में नहीं है. तुम अपने आसपास स्वतंत्र राय रखने वाले लोगों को रखना नहीं चाहते. इस पर केजरीवाल का जवाब था कि आजतक मैं किसी ऐसे संगठन में नहीं रहा जहां मेरी ना चलती हो.'

केजरीवाल की नीयत सही पर तरीके गलत
प्रशांत भूषण ने कहा, 'मैं अरविंद भाई से अक्सर कहता हूं कि सिर्फ नीयत ठीक होने से कुछ नहीं होता. तुम जो रास्ता चुनते हो वह भी अहम है. अरविंद की नीयत साफ है पर वह जिन रास्तों को चुनते हैं वो गलत है. इंदिरा गांधी ने भी इमरजेंसी लागू करते वक्त भी यही सोचा होगा कि उनका तरीका सही है. पर ऐसा था नहीं.'

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इस्तीफा देने के लिए बोला गया
प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते थे. बतौर भूषण, 'हमसे बार-बार इस्तीफा मांगा गया. अरविंद ने हमें कहा कि मैं अपना अलग दल बनाकर सरकार चला लूंगा. लेकिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी उनके खिलाफ थी. उन्होंने विरोध के बावजूद सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए उपराज्यपाल को चिट्ठी भेजी थी.'

जोड़-तोड़ करके सरकार बनाने की कोशिश हुई
प्रशांत भूषण ने कहा, 'हमें यह बताया ही नहीं जाता था कि किस तरह जोड़-तोड़ करके सरकार बनाने की कोशि‍श की जा रही है. लेकिन जब भी हमारे सामने ये बातें आईं, हमने किसी भी तरह के जोड़-तोड़ का विरोध किया. अरविंद कहता था कि फैसला लेने का अधि‍कार लेना मेरा है और मैं कभी ऐसे संगठन में रहा ही नहीं, जहां मेरी बात न मानी जाती हो.'

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