जानें किसने दिया डोनाल्ड ट्रंप को जीत का 'मोदी मंत्र'...

अविनाश इरागावारापु ने एरिजोना में रिपब्लिकन पार्टी के कैंपेन को संभाला था और लास्‍ट मिनट में वो स्‍ट्रेटजी बनाई जिसने हारते हुए डोनाल्‍ड ट्रंप को जीत दिला दी. जानिए अविनाश के बारे में...

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अविनाश अविनाश

मेधा चावला

  • नई दिल्‍ली,
  • 10 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 1:47 PM IST

आंध्र पेदश के पश्चिमी गोदावरी जिले के रहने वाले अविनाश की चर्चा इस समय पूरी दुनिया में हो रही है. अविनाश, अमेरिका के अगले राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को जीत दिलाने वाली टीम का हिस्‍सा रहे हैं.

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दो साल पहले, IIM से MBA ग्रेजुएट अविनाश ने दिल्‍ली में HCl की नौकरी छोड़ी और वे आंध्र प्रदेश में YSR कांग्रेस इलेक्‍शन कैंपेन का हिस्‍सा बन गए. इसके बाद उन्‍होंने राजनीतिक कैंपेन और नीतियां बनाने का काम आरंभ कर दिया. अपने कॉलेज समय में ही अविनाश पैंफलेट बांटने का पूरी योजना बनाया करते थे.

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इसके बाद इरागावारापू, रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्‍ड के प्रचार के अहम रणनीतिकार बन गए. वो ट्रम्प की इलेक्शन टीम में स्टेट चीफ कैम्पेनर थे. अविनाश कहते हैं, 'जब सर्वे यह बता रहे थे कि हिलेरी क्लिंटन, ट्रंप से आगे निकल रही हैं तो हमने अपनी पॉलिसी बदली. हमने आखिरी समय में एक्‍शन प्‍लैन तैयार किया जिसमें अब हमने हिलेरी के राष्‍ट्रपति बनने के बाद अमेरिका और दुनिया को होने वाले नुकसान पर फोकस किया.' उन्‍होंने बताया कि उनकी टीम ने अमेरिका में रह रहे भारतियों के वोटों को हासिल करने की भी पूरी रणनीति तैयार की थी.

गौरतलब है कि अविनाश एरिजोना में ट्रंप की पार्टी के प्रमुख कैंपेनर और कोर टीम के स्ट्रैटजिस्ट हैं. वहीं डोनाल्ड ट्रंप की जीत के तार मध्य प्रदेश के इंदौर से भी जुड़े हैं. यहां के निवासी अथर्व मिश्रा पिछले एक साल से ट्रंप के ट्रस्ट के लिए पैसे जुटा रहे हैं. यह काम अथर्व ने इंदौर में रहते हुए किया. उन्होंने यह भी बताया कि ट्रंप के लिए ऐसा करने वाले वे भारत के पहले शख्स हैं. दरअसल ये पैसा ट्रंप ने सामाजिक हित के लिए बनाया है. इसकी राशि को सीनियर सिटीजंस और पूर्व सैनिकों की मदद करने के लिए प्रयोग किया जाता है.

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