पाकिस्तान दिवस आज, जश्न में शामिल होंगे कश्मीर के अलगाववादी नेता

दिल्ली में मौजूद पाकिस्तान उच्चायोग में सोमवार को पाकिस्तान दिवस मनाया जाएगा. इस मौके पर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के साथ कई अलगाववादी नेता शिरकत करेंगे. गौरतलब है कि हफ्तेभर पहले ही उच्चायोग की तरफ से इस जलसे का न्योता भेजा गया था.

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ABDUL BASIT ABDUL BASIT

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2015,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST

दिल्ली में मौजूद पाकिस्तान उच्चायोग में सोमवार को पाकिस्तान दिवस मनाया जाएगा. इस मौके पर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के साथ कई अलगाववादी नेता शिरकत करेंगे. गौरतलब है कि हफ्तेभर पहले ही उच्चायोग की तरफ से इस जलसे का न्योता भेजा गया था. ऐसे में 24 घंटे के भीतर अलगाववादी नेताओं की पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित से यह दूसरी मुलाकात होगी.

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मीरवाइज के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधीमंडल रविवार को ही दिल्ली पहुंच गया. इस दौरान डिनर पर पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने मीरवाइज से मुलाकात की. इस मीटिंग में कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा हुई. मीरवाइज ने कहा, 'कश्मीर समस्या एक राजनीतिक मसला है. इसका हल निकालने के लिए जरूरी है कि सभी पक्षों में बातचीत हो.' इससे पहले रविवार को बासित ने दिल्ली में अलगाववादी नेताओं से मुलाकात की थी.

पाकिस्तान दिवस पर नहीं शामिल होगा मसरत आलम
हाल ही में जेल से रिहा हुआ मसरत आलम पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित जलसे में शामिल नहीं होगा. मसरत के बदले उसके दोस्त समारोह में हिस्सा लेंगे. गौरतलब है कि पाक उच्चायोग ने मसरत को न्योता भेजा था.

अलगववादी नेताओं से मुलाकात जायज: निर्मल सिंह
जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने अलगाववादी नेताओं के साथ बासित की मुलाकात को जायज ठहराया. उन्होंने कहा, 'यह सामजिक कार्यक्रम है. पिछले साल भी दोनों देशों के सचिव स्तर की वार्ता से पहले पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने दिल्ली में अलगाववादी नेताओं से मुलाकात की थी, जिसकी वजह से मोदी सरकार ने पाक से वार्ता रद्द कर दी थी.

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अलगाववादी नेताओं की आवभगत बंद करे पाकिस्तान: कांग्रेस
पाकिस्तान के उच्चायुक्त की कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज से मुलाकात पर कांग्रेस ने एतराज जताया है. पार्टी नेता मनीष तिवारी ने कहा, 'पाकिस्तान को अलगाववादियों की आवभगत बंद करनी चाहिए.' उन्होंने कहा, 'मीरवाइज से मुलाकात पर भारत को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देना चाहिए.

क्यों मनाते हैं पाकिस्तान दिवस?
23 मार्च 1940 को ब्रिटिश राज में मुस्लिम लीग ने लाहौर में पाकिस्तान को पूरी तरह स्वायत्त और संप्रभु मुस्लिम देश बनाने का प्रस्ताव रखा जो पास हो गया. इस प्रस्ताव को लाहौर रिजॉल्यूशन और पाकिस्तान रिजॉल्यूशन का नाम दिया गया. इसके बाद साल 1956 में इसी दिन पाकिस्तान का पहला संविधान अपनाया गया था. इसी खुशी में हर साल पाकिस्तान दिवस मनाया जाता है.

हालांकि अबकी बार पूरे सात सालों बाद पाकिस्तान में इस समारोह का आयोजन हो रहा है. सुरक्षा संबंधी कारणों से यह कार्यक्रम बंद था. इससे पहले 23 मार्च 2008 में राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के शासनकाल में पाकिस्तान दिवस मनाया गया था.

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