मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार अब कॉलेजों की मान्यता (कॉलेज एक्रेडिटेशन) की तर्ज पर स्कूल मान्यता प्रणाली लागू करने पर विचार कर रही है. अगर कोई स्कूल अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है तो उसे मान्यता नहीं दी जाएगी. साथ ही स्कूल को बंद कर दिया जाएगा.
शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए होगा ये फैसला
जावड़ेकर ने कहा, 'आज ये साफ देखा जा रहा है कि स्कूलों में शिक्षा प्रणाली बद से बदतर होती जा रही है. इस फैसले को लाने की सबसे बड़ी वजह ये है कि भारत में बिगड़ती शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके.'
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आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार एमआईटी- वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (एमआईटी डब्ल्यूपीयू) परिसर में भारत छात्र संसद के आठवें संस्करण के उद्घाटन समारोह में जावड़ेकर ने कहा कि 'राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों ने खुद गरीबी और भुखमरी को करीब से देखा है.
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वहीं उन्होंने आगे कहा, 'अगर एक चायवाला हमारे देश का प्रधानमंत्री बन सकता है और एक आम वकील राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंच सकता है तो आज के युवा राजनीति से क्यों डरते हैं, युवाओं को राजनीति के बारे में अपने दृष्टिकोण को बदलना होगा और राजनीति में शामिल होकर इस बदलाव का हिस्सा बनना होगा.'
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उन्होंने कहा, नए भारत का यह युग 2022 तक आतंकवाद से मुक्त होगा, जाति, धर्म और भ्रष्टाचार से मुक्त होगा. वहीं 21वीं सदी का बच्चा आज का युवा है और वह सही गलत के बीच के फर्क को अच्छी तरह समझता है. वहीं बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए स्कूलों में शिक्षा प्रणाली में सुधार लाना ही होगा.
अनुज कुमार शुक्ला