जिस तरह हम अपने बच्चे को खाना खाना, कपड़े पहनना, ब्रश करना समेत बाकी सभी
चीजों की अहमियत सिखाते हैं, उसी तरह उन्हें 'गुड टच' और 'बैड टच' के
बारे में बताना भी आवश्यक है. बच्चों के साथ बढ़ रहे छेड़खानी के मामलों से
उनको बचाने के लिए यह बेहद जरूरी है.
'गुड टच' और 'बैड टच' का मतलब छूने वाली की नीयत से है. कोई शख्स आपको किस नीयत से छू रहा है, या वह किस जगह, किस तरीके से छू रहा है- इसी से पता चलता है कि वह गुड टच है या बैड टच. हालांकि इसके बारे में बताने से पहले बच्चे को उसके शरीर के अंगों के बारे में सही जानकारी देना भी जरूरी अहम है.
बच्चे को कैसे समझाएं टच के बारे में :
1. बच्चा जब चार साल का हो जाए तो उससे इस पर बात करना शुरू कर दीजिए. उसे यह समझाने की जरूरत है कि उसे किस पर भरोसा करना चाहिए. उसे समझाएं कि उसे किसी के भी साथ नहीं चले जाना चाहिए. कोई अनजान उसे कुछ खाने को दे तो उसे वह चीज तुरंत मुंह में नहीं डालनी चाहिए.
2. बच्चे से खुलकर बातें करें. उसके अंदर आपसे अपनी बातें कहने में किसी तरह की हिचक नहीं होनी चाहिए. उसे ऐसा नहीं लगना चाहिए कि अगर वो आपको कुछ कहेगा तो उसे डांट पड़ सकती है या आप उसकी बात अनसुना कर देंगे.
3. बच्चे को गुड टच और बैड टच बताने के दौरान आपको संयम से काम लेना होगा. हो सकता है कि वह चीजों को समझने में वक्त ले. उसे प्राइवेट पार्ट्स के बारे में बताएं. उसे ये समझाएं कि उसे इस जगह पर उसके अलावा कोई नहीं छू सकता है.
4. बच्चे को बताएं कि उसे किसी के भी क्लोज जाने की जरूरत नहीं है. अगर उसे कोई गोद में बिठाने की बात कहे या चूमना चाहे तो वह इनकार कर दे.
5. बच्चे को ये समझाएं कि अगर उसे कुछ भी गंदा लग रहा हो तो वो अपने माता-पिता को तुरंत बता दे. बच्चे को इस तरह तैयार करें कि वह आप पर पूरा भरोसा करे और अपने साथ होने वाली हर छोटी-बड़ी बात को आपके साथ शेयर करे.
भूमिका राय