झगड़ालू पड़ोसियों को कैसे सिखाएं सबक?

हमारे जीवन पर इस बात से बहुत फर्क पड़ता है कि हमारे पड़ोसी कैसे हैं. अगर हमारे पड़ोसी अच्छे हैं तो हमारी रोजमर्रा की कई छोटी-बड़ी बातों की फिक्र यूं ही खत्म हो जाती है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 4:39 PM IST

हमारे जीवन पर इस बात से बहुत फर्क पड़ता है कि हमारे पड़ोसी कैसे हैं. अगर हमारे पड़ोसी अच्छे हैं तो हमारी रोजमर्रा की कई छोटी-बड़ी बातों की फिक्र यूं ही खत्म हो जाती है.

वहीं दूसरी ओर अगर पड़ोसी हो-हल्ला मचाने वाले, बात-बात पर झगड़ा करने वाले होते हैं तो न चाहते हुए भी मन खिन्न रहता है. घर आकर भी वो सुकून नहीं मिल पाता है, जो घर पर मिलना चाहिए.

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कई बार कुछ ऐसे पड़ोसी भी मिल जाते हैं जिन्हें अपनी जिन्दगी से ज्यादा आपकी जिन्दगी में दिलचस्पी होती है. उन्हें ऐसा लगता है कि पड़ोसी होने के नाते ये उनका जन्मसिद्ध हक है कि वो कुछ भी पूछ सकते हैं.

कई बार तो आप ऐसे पड़ोसियों को शांत होकर या अवॉइड करके झेल लेते हैं लेकिन कई बार ये रास्ते भी कारगर साबित नहीं हो पाते हैं. अगर आपको लगता है कि आपका पड़ोसी भी कुछ ऐसा ही है तो इन तरीकों को अपना हैं:

1. अक्सर पड़ोसियों की आदत होती है वे आपके घर की बातें आते-जाते सुनने की कोशिश करते हैं. ऐसे में कोशिश कीजिए कि आप जब भी कोई ऐसी बात कर रहे हों तो आपके घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद हों. उन पर पर्दे लगे हों.

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2. पड़ोसी के इंटरफियर से बचने के लिए आप खिड़की-दरवाजे पर जालियां लगवा सकती हैं. साथ ही दरवाजों पर लता वाले पौधे लगाकर भी आप उनसे दूरी बना सकती हैं.

3. अगर आप अपने पड़ोसी के घर से आने वाले शोर से परेशान हो चुके हैं तो उससे साफ-साफ बात कर लेना ही बेहतर होगा. इसके बावजूद अगर वो आपकी बात न मानें तो आप सोसाइटी के सेक्रेटरी से बात कर सकती हैं.

4. अगर आपका पड़ोसी बार-बार आपसे आपकी निजी बातों को जानने की कोशिश करे तो आप बात को टालने की कोशिश कीजिए. हो सकता है कि उसे आपका ये इशारा समझ आ जाए.

5. कई बार ऐसा भी होता है कि अकेले होने की वजह से या फिर आपको खुश करने के लिए आपका पड़ोसी दूसरों की चुगली करे. उसे इन बातों पर इंटरटेन करने के बजाय, अवॉइड करना ही बेहतर होगा.

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