पूर्व फर्राटा क्वीन पीटी उषा को ग्रेटर नोएडा में शुरू होने जा रही फार्मूला वन कार रेस की मेजबानी करना पैसे की ‘आपराधिक बर्बादी’ लगती है.
उषा ने कहा, ‘मुझे बहुत बुरा लग रहा है क्योंकि इतने उचे स्तर के कारोबारी (एफ 1 कार रेस) से देश के 99 प्रतिशत भारतीयों को कोई सरोकार नहीं है. यह शुद्व रूप से पैसे की बरबादी है.
पहले ट्वेंटी़-20 क्रिकेट ने देश की खेल भावना को खराब किया और अब एक दूसरा अवतार आ गया जिसमें कारोबारियों का पैसा लगा है जो कभी भी खेल के विकास के लिये पैसा नहीं खर्च करते. अब भगवान ही भारतीय खेल को बचा सकता है.’
लास एंजिल्स ओलम्पिक (1984) खेलों में थोडे से अंतर से कांस्य पदक से चूकने वाली पीटी उषा कार रेस को खेल ही मानने को तैयार नहीं है.
भारत में पहली बार इंडियन ग्रा प्री फार्मूला वन कार दौड़ आयोजित की जा रही है. तीन दिन चलने वाली इस दौड के ट्रैक बनाने के लिये जेपी स्पोटर्स इंटरनेशनल ने दो हजार करोड रुपये खर्च किये है.
इस ट्रैक का नाम बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) रखा गया है.
भाषा