सुलगता 'स्वर्ग': फौजी खाक, इंसानियत राख

हिंदुस्तान की ज़मीन पर मौजूद एक जन्नत यानी कश्मीर तो सालों से सुलग रही है, लेकिन दूसरी जन्नत भी अब सुलगने लगी है. मुल्क के जिस उत्तर-पूर्वी इलाके को हम अब तक दुनिया का अनदेखा स्वर्ग बता कर खुश होते रहे, हकीकत यही है कि अब 40 से ज़्यादा आतंकवादी संगठनों के चंगुल में फंस कर यही स्वर्ग सुलगने लगा है. इसकी आंच में कभी फौजी खाक होते हैं, तो कभी इंसानियत राख होती है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 3:02 AM IST

हिंदुस्तान की ज़मीन पर मौजूद एक जन्नत यानी कश्मीर तो सालों से सुलग रही है, लेकिन दूसरी जन्नत भी अब सुलगने लगी है. मुल्क के जिस उत्तर-पूर्वी इलाके को हम अब तक दुनिया का अनदेखा स्वर्ग बता कर खुश होते रहे, हकीकत यही है कि अब 40 से ज़्यादा आतंकवादी संगठनों के चंगुल में फंस कर यही स्वर्ग सुलगने लगा है. इसकी आंच में कभी फौजी खाक होते हैं, तो कभी इंसानियत राख होती है.

नॉर्थ ईस्ट की ख़ूबसूरत वादियां अपने-आप में किसी जन्नत से कम नहीं. लेकिन जन्नत की इन्हीं हरी-भरी वादियों में दूर-दूर तक पसरी ख़ामोशी इन दिनों अक्सर बूटों की आवाज़ से ही टूटती है. फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि कभी ये आवाज़ दिल में नापाक इरादा पाले दहशतगर्दों के बूटों के होते हैं, तो कभी उनसे लोहा लेने का माद्दा रखनेवाले हिंदुस्तानी फ़ौज के जांबाज़ जवानों के.

इसके बाद इन वादियों में कुछ बाकी बचता है, तो वो है जगह-जगह फैले मौत के निशान. आतंकवादियों के ख़ौफ़ से खाली हुई बस्ती. मौत से घिर कर तिल-तिल कर मरने की मजबूरी. पैराडाइज़ अनएक्सप्लोर्ड के नाम से जिस नॉर्थ ईस्ट को अब तक एक अनदेखे और अनछुए स्वर्ग के तौर पर जाना जाता रहा. अब यहां आतंकवाद का ऐसा घुन लग गया कि देखते ही देखते इस पूरे के पूरे इलाके को अंदर से खोखला करने लगा.

औंधे मुंह लेटने पर किया मजबूर
दुनिया के सबसे बदनाम आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की तरह ही यहां भी मेघालय के एक आतंकवादी संगठन ने पुलिसवालों को कुछ इस तरह क़ाबू किया है कि उन्हें अपनी ही ज़मीन पर बावर्दी औंधे मुंह लेटने पर मजबूर कर दिया है. एक हाईवे पर पुलिसवालों से भरी इस बस को अगवा करने के बाद आतंकवादी उन्हें ज़मीन पर उल्टा लेटने को मजबूर कर देते हैं.

इसके बाद सभी की एक-एक कर जामा तलाशी की शुरुआत होती है. इस दौरान रुपए-पैसों से लेकर जो भी असलहा बारूद इन आतंकवादियों के हाथ लगता है, उन्हें लूट लिया जाता है. जब तक ये सिलसिला चलता है. कुछ आतंकवादी जहां लगातार ज़मीन पर लेटे पुलिसवालों को बंदूकों के निशाने पर रखते हैं, वहीं कुछ लगातार किसी भी पल उन्हें मौत के घाट उतारने की धमकी देते हैं.

मौत बांटने की तैयारी में लगे आतंकी
कायरों की तरह घात कर हिंदुस्तानी फौजियों को मौत के घाट उतारने के ज़ख्म अभी सूखे नहीं हैं कि भारत-म्यांमार की सरहद पर एक गुमनाम ठिकाने से सामने आई टेटर कैंप की कुछ तस्वीरों ने मुल्क की तमाम सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है . इस टेटर कैंप में ये आतंकवादी ना सिर्फ़ खुलेआम फौजी तालीम लेते हुए नज़र आ रहे हैं, बल्कि अनगिनत ऑटोमेटिक वीपन की शक्ल में इनके पास जो अलग-अलग किस्म के मौत के सामान मौजूद हैं.

हो सकता है आतंकी हमला
हिंदुस्तान और म्यांमार की सरहद पर घात लगा कर 6 गोरखा रेजीमेंट को निशाना बनानेवाले आतंकवादी फिर से हमला करने के फिराक में है. एक साथ कई आतंकी संगठनों ने एक ही बैनर तले आकर इस नए नापाक इरादे को अंजाम तक पहुंचाने की तैयारी की है. म्यांमार की सीमा के अंदर पिछले कई सालों से आतंकी ट्रेनिंग कैम्प चल रहे हैं. इनमें मणिपुर, नागालैंड और दूसरे राज्यों के उग्रवादियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

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