NPR में क्या है कॉलम 'D', जिसपर अमित शाह ने दिया किसी पर ना लगाने का भरोसा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में गुरुवार को सफाई दी कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के दौरान किसी तरह के कागज नहीं मांगे जाएंगे. साथ ही अब किसी को शंका की नज़र से नहीं देखा जाएगा, ऐसे में ये D क्या और कब लगाया जाता है इसे विस्तार से जानें...

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फोटो: PTI) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फोटो: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 9:45 AM IST

  • NPR पर गृह मंत्री अमित शाह का बयान
  • NPR में नहीं मांगे जाएंगे कागज: शाह
  • 'किसी को शंका की नजर से नहीं देखेंगे'

संसद के दोनों सदनों में हुई दिल्ली हिंसा पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन एक्ट और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर पर भी लोगों की शंकाओं को दूर किया. विपक्षी पार्टी और कई अन्यों की ओर से सवाल किया जा रहा था कि एनपीआर की प्रक्रिया में कागजों की लिस्ट मांगी जाएगी और अगर कागज नहीं दिखाए गए तो उसे शंका की नज़र से देखा जाएगा. लेकिन अमित शाह ने इन शंकाओं को दूर किया और समझाया कि किसी भी नागरिक के सामने ‘D’ नहीं लगाया जाएगा. NPR की प्रक्रिया में ये कब होता है और क्या है, समझिए...

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कैसे होगी एनपीआर की प्रक्रिया?

बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने NPR की लिस्ट को अपडेट करने की मंजूरी दी थी. एनपीआर को सबसे पहले 2010 में लाया गया था, जिसके तहत नागरिकों का ब्यौरा जमा करना और लोगों की ताजा तस्वीर-उंगली के निशान लेने होंगे. 2010 में इस प्रक्रिया में कुल 15 सवाल पूछे जाते थे, लेकिन इस बार नए 8 सवाल जोड़े गए जिसपर कई राज्य सरकारों और विपक्षी पार्टियों ने आपत्ति जताई थी.

कब लगाया जाता है D का निशान?

विपक्षी पार्टियों की ओर से कई बार इस बात का जिक्र किया गया था, कि अगर कोई व्यक्ति सरकार द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दे पाएगा तो उसे शंका की नज़र से देखा जाएगा. इसके लिए ‘डाउटफुल’ या ‘D’ जैसी टर्म का इस्तेमाल किया जाएगा. गुरुवार को राज्यसभा में भी विपक्षी नेता गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल समेत अन्य नेताओं ने इससे जुड़े सवाल पूछे थे. जिसके बाद केंद्र सरकार की ओर से इसपर सफाई दी गई.

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इसे पढ़ें: NPR में पूछा जाएगा- कब और कहां पैदा हुए थे माता-पिता? इस बार जुड़े ये 8 नए सवाल

अमित शाह ने क्या दिया जवाब?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनपीआर की प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों का जवाब राज्यसभा में दिया और कहा कि एनपीआर की प्रक्रिया के वक्त किसी भी नागरिक को शंका की नज़र से नहीं देखा जाएगा. अमित शाह ने कहा, ‘..मैंने स्पष्ट किया है कि NPR के अंदर कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा, पहले भी नहीं मांगा गया था’.

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘...आपको जितनी जानकारी देनी है आप उतनी ही जानकारी दे सकते हैं. अगर कोई जानकारी नहीं देता है, तो उसके नाम के आगे ‘D’ नहीं लगेगा, ऐसे में किसी को डरने की जरूरत नहीं है’.

NPR में किस तरह के सवाल पूछे जाएंगे?

साल 2010 में जब एनपीआर की प्रक्रिया हुई तो उसमें 15 सवाल सामने आए, जो किसी भी व्यक्ति से पूछे जाएंगे.

1- व्यक्ति का नाम

2- मुखिया से संबंध

3- पिता का नाम

4- माता का नाम

5- पत्नी/पति का नाम

6- लिंग

7- जन्मतिथि

8- वैवाहिक स्थिति

9- जन्म स्थान

10- घोषित राष्ट्रीयता

11- सामान्य निवास का वर्तमान पता

12- वर्तमान पते पर रहने की अवधि

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13- स्थायी निवास का पता

14- व्यवसाय/कार्यकलाप

15- शैक्षणिक योग्यता

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक खबर में दावा किया था कि साल 2020 में होने वाली NPR की प्रक्रिया में 8 नए सवाल जोड़े गए हैं. हालांकि, अब गृह मंत्री ने साफ किया है कि कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार ही जानकारी दे सकता है.

1- आधार नंबर

2- मोबाइल नंबर

3- माता-पिता का जन्मस्थान और जन्मतिथि

4- पिछला निवास पता (पहले कहां रहते थे)

5- पासपोर्ट नंबर (अगर भारतीय हैं तो)

6- वोटर आईडी कार्ड नंबर

7- पैन नंबर

8- ड्राइविंग लाइसेंस नंबर

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