प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की जनगणना 2021 की प्रक्रिया शुरू करने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने की मंजूरी दे दी है. इसको लेकर मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के बीच कोई संबंध नहीं है. यह मैं साफ तौर पर कहता हूं. देशभर में एनआरसी पर कोई बात नहीं हो रही है. इस पर बहस की कोई जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा था कि एनआरसी पर कैबिनेट और संसद में कोई चर्चा नहीं हुई है. जहां तक पार्टी के घोषणापत्र की बात है, तो संसद में चर्चा होना और पार्टी के घोषणापत्र में शामिल होने अलग-अलग बात हैं. नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनपीआर को लेकर विपक्ष राजनीति कर रहा है. विपक्ष इनको लेकर अफवाह फैला रहा है. किसी अल्पसंख्यक को एनपीआर से डरने की कोई जरूरत नहीं हैं.
जब उनसे सवाल किया गया कि गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने से इनकार रहे है, जिसके जवाब में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे दिक्कतें पैदा हो.
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कांग्रेस ने साल 2010 में एनपीआर की प्रक्रिया शुरू की थी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एनपीआर में आधार नंबर देने में कोई हर्ज नहीं हैं. एनपीआर न हमारे घोषणापत्र में शामिल है. जब उनसे पूछा गया कि अगर एनपीआर में किसी का नाम शामिल होने से रह जाता है, तो क्या उसकी नागरिकता चली जाएगी, तो अमित शाह ने कहा कि मैं यह बात बिल्कुल साफ कर देना चाहता हूं कि एनपीआर में किसी का नाम शामिल नहीं होने से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी. यह एनआरसी से अलग है.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन सियासी है. इसको लेकर विरोध प्रदर्शन उन राज्यों में नहीं हुए, जहां सबसे ज्यादा घुसपैठिए रहते हैं.
डिटेंशन सेंटर को लेकर क्या-क्या बोले अमित शाह?
डिटेंशन सेंटर को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर कोई दूसरे देश से गैर कानूनी तरीके से आ जाता है, तो उसको जेल में नहीं रखा जाता है, उसको डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है. डिटेंशन सेंटर का एनआरसी से कोई लेना देना नहीं हैं.
अमित शाह ने कहा कि असम में सिर्फ एक डिटेंशन सेंटर है. हालांकि इसको लेकर मैं कंफर्म नहीं हूं, लेकिन इतना साफ कर देता हूं कि जो भी डिटेंशन सेंटर हैं, वो मोदी सरकार में नहीं बनाए गए हैं. इतना ही नहीं, जो डिटेंशन सेंटर बने भी हैं, वो संचालित नहीं हैं.
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