12 साल की रेप पीड़िता के अबॉर्शन की हाईकोर्ट ने दी इजाजत

कोर्ट के आदेश के बाद रिम्स में नाबालिग के अबॉर्शन कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि इस प्रक्रिया में अभी समय लगेगा क्योंकि बच्चा प्री-मैच्योर स्टेज में है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

धरमबीर सिन्हा

  • जमशेदपुर ,
  • 17 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 4:49 PM IST

झारखंड हाईकोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में 12 साल की नाबालिग रेप पीड़िता 12 को अबॉर्शन की मंजूरी दी है. नाबालिग 23 सफ्ताह की प्रेग्नेंट है और अपने माता-पिता के साथ जमशेदपुर में रहती है. पीड़िता के माता-पिता पेशे से मजदूर हैं. नाबालिग की मां ने कोर्ट में अर्जी देते हुए अपील की थी कि कोर्ट बच्ची के अबॉर्शन की इजाजत दे.

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कोर्ट के आदेश के बाद रिम्स में नाबालिग के अबॉर्शन कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि इस प्रक्रिया में अभी समय लगेगा क्योंकि बच्चा प्री-मैच्योर स्टेज में है.

अबॉर्शन का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करे: हाईकोर्ट

अपने आदेश में कोर्ट ने अबॉर्शन का खर्च राज्य सरकार को वहन करने का निर्देश दिया है. इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा है कि अस्पताल में पीड़िता के रहने तक उसके माता-पिता के भी रहने की व्यवस्था की जाए. रेप की शिकार 12 साल की बच्ची को अर्बाशन कराने की इजाजत देने के साथ ही हाईकोर्ट ने रिम्स को कई ऑर्डर दिए हैं. कोर्ट ने हिदायत देते हुए कहा कि रिम्स पूरी एहतियात के साथ ऑपरेशन को अंजाम दे ताकि जान का जोखिम कम से कम रहे. साथ ही कोर्ट ने भ्रूण के सैंपल को भी सुरक्षित रखने का आदेश दिया है ताकि जरूरत पड़ने पर डीएनए टेस्ट कराया जा सके.

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कोर्ट में रिम्स के सुपरिटेंडेंट ने बताया कि लड़की की उम्र भले ही 12 साल है पर मेडिकल बोर्ड के हिसाब से वह लगभग 15 साल की है ऐसे में अबॉर्शन कराने में बहुत जोखिम नहीं है. इस दौरान मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 की चर्चा की गई, जिसकी धारा 1 से तीन में अर्बाशन के संबंध में उल्लेख किया गया है. दलीलों के आधार पर कोर्ट ने रिम्स को अर्बाशन कराने का निर्देश दिया और कहा बच्ची के पूरी तरह स्वस्थ होने पर ही उसे घर जाने की अनुमति दें.

जान-पहचान के व्यक्ति ने किया था दुष्कर्म

पीड़िता जमशेदपुर के एक स्कूल में छठी कक्षा की छात्रा है. उसके पड़ोसी और पेशे से चालक ने लगातार चार महीने तक बच्ची का यौन शोषण किया था. इस दौरान वह गर्भवती हो गई. बच्ची की तबियत अचानक बिगड़ने पर जब पीड़िता की मां ने अस्पताल में भर्ती करवाया तो बच्ची के प्रेग्नेंट होने का पता चला. जिसके बाद उसने हाईकोर्ट में अर्जी देकर अबॉर्शन की अपील की.

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