खट्टर सरकार का फैसला- 12 साल तक की बच्ची से रेप पर सजा-ए मौत

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक महिला अपराधों से जुड़े भारतीय दंड संहिता के कानून की धारा 376, 376 डी, 354, 354 की धारा 2 में कुछ नई धाराएं जोड़ी गई हैं

Advertisement
कैबिनेट मीटिंग में मौजूद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर कैबिनेट मीटिंग में मौजूद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर

जावेद अख़्तर / मनजीत सहगल

  • चंडीगढ़,
  • 28 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:04 AM IST

हाल में रेप और गैंगरेप की घटनाओं से आलोचना झेल रही हरियाणा सरकार ने मंगलवार को महिला अपराधों से जुड़े कई कानूनों में फेरबदल करके उनको और कड़ा बना दिया है. यह फैसला मंगलवार को हरियाणा सरकार की कैबिनेट बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की.

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक महिला अपराधों से जुड़े भारतीय दंड संहिता के कानून की धारा 376, 376 डी, 354, 354 की धारा 2 में कुछ नई धाराएं जोड़ी गई हैं, ताकि महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अत्याचार पर लगाम लगाई जा सके.

Advertisement

12 साल से कम बच्चियों से रेप पर मौत की सजा

खट्टर सरकार ने आईपीसी की धारा 376 में एक नया सेक्शन जोड़कर अब राज्य में 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के गैंग रेप के आरोपियों को मृत्यु दंड देने का प्रावधान किया है. मृत्युदंड के अलावा कठोर कारावास और जुर्माने सहित 14 साल या आजीवन कारावास का दंड भी दिया जा सकता है. यानी गैंग रेप और रेप के आरोपी को मरने तक जेल में रहना होगा.

राज्य सरकार ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डी में भी एक नया सेक्शन जोड़ा है, जिसके अंतर्गत 12 साल तक की उम्र की पीड़िता के गैंगरेप में शामिल सभी लोगों को रेप का आरोपी माना जाएगा. ऐसे आरोपियों को दंड के तौर पर मृत्यु दंड, कठोर कारावास या कम से कम 20 साल तक की सजा हो सकती है. इन आरोपियों से जुर्माना भी वसूला जाएगा जिसकी राशि पीड़िता को राहत के तौर पर दी जाएगी.

Advertisement

राज्य सरकार ने आईपीसी की धारा 354 में नया सेक्शन जोड़ते हुए छेड़छाड़, मारपीट और महिला की इज्जत पर हाथ डालने के आरोपियों के लिए कम से कम 2 साल की सजा का प्रावधान किया है, जिसे बढ़ाकर 7 साल भी किया जा सकता है.

उधर आईपीसी की धारा 354 डी (2) के तहत अब राज्य में किसी भी महिला का पीछा करने के आरोपियों को भी कम से कम 3 साल जेल और जुर्माना भुगतना होगा. दूसरी बार दोषी पाए गए आरोपियों को कम से कम 7 साल की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है.

राज्य सरकार को उम्मीद है कि महिला अपराध से जुड़े कानून को और कड़ा बनाए जाने के बाद राज्य में महिला अपराधों में कमी आएगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement