Exit Poll: जाट-दलित और मुस्लिम गठजोड़ से कांग्रेस हुई मजबूत, बीजेपी को झटका

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कड़ी टक्कर देती हुई दिख रही है. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार बीजेपी को बहुमत मिलता हुआ नहीं दिख रहा है. बीजेपी को 32 से 44 सीट मिलने का अनुमान है. हरियाणा में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 11:06 PM IST

  • बीजेपी को 32 से 44 सीट मिलने का अनुमान है
  • हरियाणा में कांग्रेस ने बीजेपी को दी कड़ी टक्कर
  • कांग्रेस को 30 से 42 सीटें मिलने के हैं आसार
  • दलित-जाट-मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के साथ

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कड़ी टक्कर देती हुई दिख रही है. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार बीजेपी को बहुमत मिलता हुआ नहीं दिख रहा है. बीजेपी को 32 से 44 सीट मिलने का अनुमान है.

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इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के अनुसार हरियाणा में कांग्रेस को 30 से 42 सीटें मिलने का अनुमान है. राज्य में दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजीपी किंग मेकर की भूमिका में होगी. उनकी पार्टी 6-10 सीट जबकि अन्य पार्टियों को 6-10 सीट मिलने का अनुमान है. हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर 23,118 लोगों से बात करके आंकड़े जुटाए गए हैं.

इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के आंकड़े बता रहे हैं कि हरियाणा के मतदाताओं में खट्टर सरकार को लेकर नाराजगी दिखी. कांग्रेस मतदाताओं की इस नाराजगी को अपनी तरफ आकर्षित करती हुई दिख रही है. एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस जाटों और दलितों के बीच बीजेपी के खिलाफ नाराजगी को लामबंद करने में सफल रही है.

ये भी पढ़ें-Exit Poll LIVE: खतरे में खट्टर सरकार, हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा इस बार

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बता दें कि हरियाणा की आबादी में जाट, दलित और मुस्लिमों की आबादी करीब 50 फीसदी है. राज्य विधानसभा की करीब 55 सीटें ऐसी हैं, जहां जाटों और दलितों की आबादी 40 फीसदी से ज्यादा है. जबकि 71 सीटें ऐसी हैं जहां इन जातियां की आबादी 30 फीसदी के करीब है. 

कांग्रेस की ये रणनीति आई काम

कांग्रेस कुमारी शैलजा को प्रदेश की कमान सौंपे जाने और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को आगे करने की रणनीति काम आई है. यानी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के तौर पर जाट चेहरा आगे कर और दलित नेता कुमारी शैलजा को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर वोटर्स को आकर्षित करने में सफल रही है. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक आम चुनाव के बाद दलितों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है.

इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) में दरार के बाद जाट मतदाता मामूली तौर पर कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुए हैं. आंकड़े ये भी बता रहे हैं कि जाट मतदाताओं ने रणनीतिक रूप से मतदान किया है और उन्हें वोट दिया है जो जाट उम्मीदवार जीत रहा है, चाहे वो कांग्रेस का उम्मीदवार हो या बीजेपी का प्रत्याशी. वहीं भूपिंदर हुड्डा ने आम लोगों की रोजमर्रा के जीवन में आने वाली समस्याओं को लेकर प्रचार किया जबकि बीजेपी कश्मीर से 370 हटाने और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दे उठाए.

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बहरहाल, वोट शेयर के लिहाज से देखा जाए तो बीजेपी को 33 फीसदी, कांग्रेस को 32 फीसदी और जेजेपी को 14 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं. वहीं अन्य के खाते में 21 फीसदी वोट जाते दिख रहे हैं. आजतक-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में 23,118 लोगों से बातचीत कर आंकड़े जुटाए गए हैं.

2014 में क्या थी स्थिति ?

2014 के नतीजों को देखें तो भारतीय जनता पार्टी 47 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी. वहीं, कांग्रेस को 15 और अन्य को 28 सीटें मिली थीं. वोट शेयर की बात करें तो 2014 में भारतीय जनता पार्टी को 33 फीसदी वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस को 21 फीसदी और अन्य को सबसे ज्यादा 46 फीसदी वोट मिले थे.

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