गुजरात के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस-BJP के बीच फंसा पेच, फिर अहमद पटेल जैसी फाइट

गुजारत की चार राज्यसभा सीटों पर बीजेपी ने तीसरा कैंडिडेट उतारकर मुकाबले को काफी दिलचस्प बना दिया है. कांग्रेस ने अपने विधायकों के आंकड़ों को देखते हुए दो राज्यसभा प्रत्याशी उतारे हैं, लेकिन बीजेपी के तीसरे कैंडिडेट के उतरने से क्रॉस वोटिंग का खतरा मंडराने लगा है.

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शक्ति सिंह गोहिल और सोनिया गांधी शक्ति सिंह गोहिल और सोनिया गांधी

गोपी घांघर

  • अहमदाबाद,
  • 13 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST

  • गुजरात की चार राज्यसभा सीटों के लिए पांच कैंडिडेट
  • BJP ने उतारा कैंडिडेट, कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर

गुजरात की चार राज्यसभा सीटों पर 26 मार्च को होने वाला चुनाव काफी दिलचस्प होता जा रहा है. बीजेपी ने प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर कब्जा जामने के लिए नरहरि अमीन को उतारने का फैसला कर कांग्रेस की चिंता को बढ़ा दिया है. गुजरात में एक बार फिर 2017 में हुए अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव जैसे फाइट होने की संभावना साफ नजर आ रही है.

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बीजेपी की ओर राज्यसभा के लिए अभय भारद्वाज और रमीवा बेन बारा के साथ तीसरे कैंडिडेट के तौर पर नरहरि अमीन शुक्रवार को नामांकन पत्र भरेंगे. वहीं, कांग्रेस की ओर राज्यसभा के लिए शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी कैंडिडेट बनाए गए हैं, जो गांधीनगर में नामांकन दाखिल करेंगे. ऐसे में चार राज्य सभा सीटों के लिए पांच प्रत्याशी के ताल ठोकने से चुनाव कराने की नौबत हो गई है.

बता दें कि गुजरात की जिन चार राज्यसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें से तीन सीटें बीजेपी और एक सीट कांग्रेस के पास है. कांग्रेस और बीजेपी अपने-अपने पुराने राज्यसभा सदस्यों की जगह नए चेहरों पर दांव लगाया है. मौजूदा विधायकों के आंकड़ों के लिहाज से दोनों पार्टियों के खाते में दो-दो सीटों के मिलने के समीकरण बन रहे थे, लेकिन बीजेपी ने अपना तीसरा कैंडिडेट उतारकर मुकाबले को काफी दिलचस्प बना दिया है.

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गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सीटें बढ़ने और बीजेपी की घटने से राज्यसभा सीटों के समीकरण भी बदले हैं. गुजरात विधानसभा की कुल 182 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से दो सीटें फिलहाल रिक्त हैं. इस तरह कुल संख्या 180 है. ऐसे में गुजरात में राज्यसभा की एक सीट पर जीतने को प्रथम वरियता के लिए 37 वोट चाहिए.

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गुजरात में मौजूदा समय में बीजेपी के पास 103 विधायक हैं जबकि एनसीपी से एक और बीटीपी के 2 विधायक हैं. वहीं, कांग्रेस के पास 73 विधायकों और एक निदर्लीय विधायक जिग्नेश मेवानी हैं. कांग्रेस को अपनी दो राज्यसभा सीटें जीतने के लिए भी 74 विधायकों का वोट चाहिए. वहीं, बीजेपी को अपनी तीनों राज्यसभा सीटों जीतने के लिए 111 विधायक चाहिए. ऐसे में बीजेपी को एनसीपी और बीटीपी के साथ कांग्रेस के 5 विधायकों का वोट हासिल करना है, जिसके चलते कांग्रेस के सामने अपने विधायकों को क्रॉस वोटिंग का खतरा नजर आ रहा है.

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बता दें कि बीजेपी ने ऐसे ही 2017 में गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों तीन कैंडिडेट उतारकर कांग्रेस के अहमद पटेल की चिंता को बढ़ा दिया था. अहमद पटेल को जीतने के लिए कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक के रिजॉर्ट में रखना पड़ा था. इसके बाद भी कई कांग्रेसी विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग किए थे. हालांकि काफी मशक्कत के बाद अहमद पटेल जीतने में कामयाब रहे थे.

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बीजेपी ने राज्यसभा के लिए अपना तीसरा कैंडिडेट नरहरि अमीन को उतारा है, जो 2012 में कांग्रेस छोड़कर पार्टी में आए थे. इसके वजह से कांग्रेस की परेशानी बढ़ गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी की रणनीति इस बार विधायकों को तोड़ना नहीं, बल्कि कांग्रेस के विधायकों से क्रॉस वोट करवाना या फिर वोट को रद्द करवाना है. अब देखना दिलचस्प होगा की बीजेपी कांग्रेस के कैसे पांच विधायकों को अपने पाले में लाती है.

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