जीएसटी रिफंड में फंस जाएंगे 65 हजार करोड़, अगर आज नहीं आया निर्यातकों के हित में फैसला

जीएसटी परिषद की अहम बैठक शुरू हो चुकी है. इसमें परिषद जीएसटीआईएन पोर्टल को फास्ट करने समेत कारोबारियों को हो रही कई दिक्कतों को लेकर राहत दे सकती है. इसके अलावा इस बैठक में जो सबसे अहम मुद्दा परिषद के सामने है, वो है एक्सपोर्र्टर्स  का रिफंड.

Advertisement
जीएसटी रिफंड में फंस जाएंगे 65 हजार करोड़ जीएसटी रिफंड में फंस जाएंगे 65 हजार करोड़

विकास जोशी

  • ,
  • 06 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

जीएसटी परिषद की अहम बैठक शुरू हो चुकी है. इसमें परिषद जीएसटीआईएन पोर्टल को फास्ट करने समेत कारोबारियों को हो रही कई दिक्कतों को लेकर राहत दे सकती है. इसके अलावा इस बैठक में जो सबसे अहम मुद्दा परिषद के सामने है, वो है निर्यातकों  का रिफंड.

फंसे जाएंगे 65 हजार करोड़

निर्यातक सरकार को आगाह कर चुके हैं कि जल्द ही जीएसटी रिफंड नहीं किया जाता है, तो अक्टूबर के अंत तक इसमें 65 हजार करोड़ रुपये फंस जाएंगे. इसकी वजह से कारोबार को काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है.

Advertisement

राजस्व सचिव के साथ हुई थी बैठक

पिछले महीने राजस्व सचिव के साथ हुई बैठक में निर्यातकों ने जीएसटी रिफंड को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि अगर जीएसटी रिफंड में तेजी नहीं लाई जाती है, तो इससे 65 हजार करोड़ रुपये जीएसटी रिफंड में ही फंसे रह जाएंगे. इसकी वजह से पहले ही बुरे दौर से गुजर रही एक्सपोर्ट इंडस्ट्री पर और  असर पड़ सकता है और कारोबार प्रभावित होगा.

मासिक फाइलिंग का फैसला ले सकती है सरकार

एक्सपोर्टर्स की परेशानी को देखते हुए जीएसटी परिषद आज जीएसटी की तिमाही फाइलिंग की जगह मासिक फाइलिंग का फैसला ले सकती है.  इससे पहले भी सरकार निर्यातकों को बड़ी राहत दे चुकी है. सरकार ने बॉन्ड की जगह लेटर ऑफ अंडरटेकिंग प्रस्तुत करने की अनुमति दे दी थी.

Advertisement

छोटे कारोबारियों पर रहेगा फोकस

परिषद की बैठक में छोटे कारोबारियों की परेशानियों को दूर करने पर जीएसटी परिषद का ज्यादा फोकस रहेगा. जीएसटी के लागू होने के बाद इसका सबसे ज्यादा नकारात्मक असर एक्सपोर्ट इंडस्ट्री पर ही पड़ा है. जुलाई में हस्तनिर्मित कारपेट्स और फ्लोर कवरिंग्स के निर्यात पर सबसे ज्यादा असर पड़ा था. इसकी वजह से 20 लाख से भी ज्यादा कर्मचारियों के लिए जीवनयापन की मुश्किलें पैदा हो गई थीं.

18 फीसदी जीएसटी ने तोड़ी कमर

दरअसल यह दिक्कत इसलिए पैदा हुई क्योंकि जॉब वर्कर पर परिषद ने 18 फीसदी जीएसटी लगाया. वहीं, उनकी बिक्री पर 12 फीसदी टैक्स लगाया गया. इसका सीधा असर उनकी बिक्री पर पड़ा और उनका कारोबार मंदा पड़ गया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement