पेट्रोल-डीजल को GST में लाने पर असमंजस बरकरार, थोड़ी देर में फैसला

इस मीटिंग में रियल इस्टेट समेत कई मोर्चों पर सरकार राहत दे सकती है. इस मीटिंग में 70 से 80 सेवाओं और उत्पादों के जीएसटी रेट में कटौती भी की जा सकती है.  गुरुवार को हो रही इस मीटिंग में 5 चीजों पर खासकर सबकी नजर रहेगी.

Advertisement
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आज बैठक वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आज बैठक

विकास जोशी

  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST

आम बजट से महज दो हफ्ते पहले हो रही जीएसटी परिषद की मीटिंग से आम लोगों को कई मोर्चों पर राहत मिलने की उम्मीद है. इस मीटिंग में रियल इस्टेट समेत कई मोर्चों पर परिषद राहत दे सकती है. इस दौरान सबसे ज्यादा इंतजार लोगों को पेट्रोल और डीजल को लेकर किसी फैसले का होगा.

पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में आएगा या नहीं, इसको लेकर असमंजस बरकरार है. आज हो रही इस बैठक में इस मोर्चे पर कोई फैसला आ सकता है. हालांकि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना, तब ही संभव होगा, जब सभी राज्य इस पर अपनी सहमति जताएंगे.

Advertisement

इस मीटिंग में 70 से 80 सेवाओं और उत्पादों के जीएसटी रेट में कटौती भी की जा सकती है.  गुरुवार को हो रही इस मीटिंग में 5 चीजों पर खासकर सबकी नजर रहेगी.

रियल इस्टेट

वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत सरकार के कई नेता रियल इस्टेट को जीएसटी के तहत लाने की बात कह चुके हैं. इस बैठक में रियल इस्टेट को जीएटी के दायरे में लाने पर कोई फैसला हो सकता है. रियल इस्टेट के जीएसटी के दायरे में आने से आम लोगों को स्टांप ड्यूटी समेत कई चीजों पर होने वाले खर्च  से निजता मिल सकता है.

पेट्रोल-डीजल

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पेट्रोल की कीमत फिर 80 रुपये के करीब पहुंच गई है. वहीं, कई राज्यों में डीजल 65 का आंकड़ा पार कर चुका है. ऐसे समय में हो रही जीएसटी परिषद की इस बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने को लेकर चर्चा होना तय है. उम्मीद की जा सकती है कि अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर कोई सहमति नहीं भी बनी, तो इस पर सकारात्मक चर्चा  हो सकती है.

Advertisement

घटेंगे दाम

जीएसटी परिषद की इस 25वीं मीटिंग में माना जा रहा है कि 70 से 80 उत्पादों के रेट घटाए जा सकते हैं. इसमें खेती से जुड़े उत्पाद, घरेलू चीजें और सिंचाई से जुड़ा सामान शामिल हो सकता है.

कंपोजिशन स्कीम

लॉ रिव्यू कमिटी ने जीएसटी रिटर्न फाइल करना आसान बनाने के लिए कदम उठाने का सुझाव भी दिया है. ऐसे में परिषद इस बैठक में रिटर्न भरना आसान करने के लिए फैसला ले सकती है. ताकि राजस्व बढ़ने में भी मदद मिल सके. इसके साथ ही कंपोजिशन स्कीम की सीमा 1.5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ करने पर फैसला लिया जा सकता है.

रिटर्न फाइलिंग के लिए सिंगल फॉर्म

कारोबारियों को जीएसटीआर-1 , जीएसटीआर-2 जैसे कई फॉर्म  भरने से निजात भी इस बैठक में मिल सकती है. जीएसटी परिषद इस बैठक में कई फॉर्म्स  की जगह एक ही फॉर्म लाने का फैसला भी इस मीटिंग में ले सकती है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement