सरकार जल्द ही ऑनलाइन मीडिया के लिए नियम कानून और मानक बनाने जा रही है. इसके दायरे में ऑनलाइन न्यूज़, डिजिटल ब्रॉडकास्टिंग के साथ ही इंटरटेनमेंट और इंफोटेनमेंट कंटेंट मुहैया कराने वाली वेबसाइट्स आएंगी.
4 अप्रैल 2018 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि देश में चलने वाले टीवी चैनल और अखबारों के लिए नियम कानून बने हुए हैं और वह अगर इन कानूनों का उल्लंघन करते हैं तो उससे निपटने के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया जैसी संस्थाएं भी हैं, लेकिन ऑनलाइन मीडिया के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. इसे ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन मीडिया के लिए नियामक ढांचा कैसे बनाया जाए इसके लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है.
दस लोगों की इस कमेटी के संयोजक सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव होंगे. इस कमेटी में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और एनबीए के सदस्य भी शामिल होंगे. गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय के सचिव भी इस कमेटी का हिस्सा होंगे.
इस समिति को यह बताना है कि ऑनलाइन मीडिया को कानून की जद में लाने के लिए क्या दायरा तय किया जाए. इस समिति से कहा जाएगा कि वह ऑनलाइन मीडिया में एफडीआई के नियमों को ध्यान में रखते हुए उसके लिए नियम कानून और उसे लागू करने के तरीके भी सुझाए.
विरोध के बाद सरकार ने वापस लिया फैसला
ऑनलाइन मीडिया पर निगरानी रखने के लिए नियम कानून बनाने की खातिर इस समिति का गठन ऐसे समय पर किया गया है जब फेक न्यूज को लेकर मंत्रालय के आदेश पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने फेक न्यूज के मामले में पत्रकारों की मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव किया था जिसे लेकर पत्रकारों के तमाम संगठनों समेत विपक्ष के नेताओं ने भी जबरदस्त विरोध किया.
इसके बाद प्रधानमंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और मंत्रालय ने आदेश वापस ले लिया. ऑनलाइन मीडिया को लेकर सरकार की चिंता इसलिए है क्योंकि अब खबरों को देखने और पढ़ने के लिए बहुत बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया और ऑनलाइन वेबसाइट का इस्तेमाल कर रहे हैं.
बालकृष्ण / वरुण शैलेश