प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घरों में ऊर्जा की बचत करने वाले उपकरणों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के कार्यक्रम के तहत जिस एलईडी बल्ब वितरण योजना को 5 जनवरी को लॉन्च किया था वह अब जोर पकड़ने लगी है.
सीएफएल बल्बों की जगह लोगों को एलईडी बल्ब देने की इस योजना के तहत अब तक करीब 2 करोड़ बल्ब बांटे जा चुके हैं. इस वितरण से एक साल में करीब 1000 करोड़ रुपये की बचत हुई है.
रोज 2.9 करोड़ रुपये की बचत
सरकारी आंकड़ों की मानें तो इस प्रोग्राम के तहत गुरुवार की शाम तक 2 करोड़ बल्ब बांटे जा चुके हैं जिससे हर रोज 73 लाख यूनिट बिजली की बचत हो रही है. पैसे के हिसाब देखें तो हर रोज 2.9 करोड़ रुपये की बचत हो रही है.
2018 तक 77 करोड़ बल्ब बांटने का लक्ष्य
इस योजना की उम्मीद से ज्यादा सफलता को देखते हुए फिलिप्स सहित कई कंपनियों ने देश में इसके मैन्युफैक्चरिंग के लिए रुचि दिखाई है. सरकार की योजना 2018 तक 77 करोड़ बल्ब लोगों को बल्ब बांटने की है. रोचक बात यह है कि जिन राज्यों ने शुरुआत में इस योजना में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी वहां भी यह योजना अब जोर पकड़ने लगी है.
ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि क्योंकि शुरुआत में ऑर्डर कम थे इसलिए कुछ पार्ट्स को विदेशों से मंगाया जा रहा था लेकिन अब हर कोई कह रहा है कि हम भारत में ही मैन्युफैक्चरिंग करना चाहते हैं.
आंध्र प्रदेश में बांटे गए सबसे ज्यादा बल्ब
इस योजना के तहत अब तक सबसे ज्यादा बल्ब आंध्र प्रदेश में बांटे गए हैं, 65 लाख बल्बों के वितरण के साथ यह पहले स्थान पर है. वहीं दिल्ली में अब तक 34 लाख बल्ब, उत्तर प्रदेश में 33 लाख, महाराष्ट्र में 23.9 लाख और राजस्थान में 29.5 लाख बल्ब बांटे जा चुके हैं.
स्वाति गुप्ता