नोटबंदी की वजह से भारत से छिना दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था का ताज?

नोटबंदी के वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में देश की रफ्तार गायब हो गई. एक झटके में देश से दुनिया की सबसे तेज भागने वाली अर्थव्यवस्था का टैग छिन गया. रफ्तार के मामले में चीन ने जनवरी-मार्च 2017 के दौरान 6.9 फीसदी की ग्रोथ देकर इस दौरान भारत की 6.1 फीसदी ग्रोथ को पछाड़ दिया है.

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आखिर नोटबंदी निगल ही गई देश की आर्थिक रफ्तार आखिर नोटबंदी निगल ही गई देश की आर्थिक रफ्तार

राहुल मिश्र

  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2017,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST

नोटबंदी के वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में देश की रफ्तार गायब हो गई. एक झटके में देश से दुनिया की सबसे तेज भागने वाली अर्थव्यवस्था का टैग छिन गया. रफ्तार के मामले में चीन ने जनवरी-मार्च 2017 के दौरान 6.9 फीसदी की ग्रोथ देकर इस दौरान भारत की 6.1 फीसदी ग्रोथ को पछाड़ दिया है.

 

केन्द्र सरकार के आए जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले से उस वित्त वर्ष के आखिरी तिमाही (जनवरी-मार्च 2017) की विकास दर चौपट हो गई है. जहां सरकार को उम्मीद थी कि इस वित्त वर्ष में भी देश की जीडीपी 7 फीसदी से ऊपर की ग्रोथ दर्ज करने में सफल होगी, उसकी उम्मीद पर पानी फिर चुका है. देश एक बार फिर मध्यम से सुस्त जीडीपी ग्रोथ वाले देशों में शुमार हो गया है.

इसे भी पढ़ें: 7% ग्रोथ के आंकड़ों में ही छुपा हुआ है GDP पर नोटबंदी का असर

गौरतलब है कि चीन सरकार के जनवरी-मार्च 2017 के जीडीपी आंकड़े 6.9 फीसदी की ग्रोथ दिखा रहे हैं. यह भारत के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि इन आंकड़ों का साफ संकेत हैं कि चीन एक बार फिर तेज भागने वाली अर्थव्यवस्था के दौर में घुसने जा रही है. दोनों, चीन और भारत ने पिछले कुछ वर्षों से बड़े आर्थिक सुधारों को अंजाम दिया है जिससे दोनों की अर्थव्यवस्थाओं में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

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जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी ने देश की आर्थिक रफ्तार को एक बार फिर दिसंबर 2014 की तिमाही के स्तर पर पहुंचा दिया है जब जीडीपी रफ्तार महज 6.0 फीसदी थी.

 

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