गौरी लंकेश ही नहीं, इन अफसरों-नेताओं की मौत पर भी कर्नाटक में मचा बवाल

हालांकि ऐसा नहीं है कि कर्नाटक में पहली बार किसी की मौत पर हंगामा बरपा है. इससे पहले भी नेताओं और कई अफसरों की मौत को लेकर कर्नाटक में लोग सड़कों पर उतरे हैं. इनमें बीजेपी से जुड़े नेता भी हैं, जिनकी हत्या कर दी गई.

Advertisement
कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार से लंकेश मामले में सीबीआई जांच की मांग  कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार से लंकेश मामले में सीबीआई जांच की मांग

नंदलाल शर्मा / हिमांशु मिश्रा

  • बेंगलुरू,
  • 07 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:29 AM IST

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद कर्नाटक में सियासी संग्राम शुरू हो गया है. लंकेश की हत्या पर बीजेपी और कांग्रेस अब आमने-सामने हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि लंकेश की हत्या वैचारिक मतभेद की वजह से हुई है. दूसरी ओर बीजेपी ने कांग्रेस के शासन काल में राज्य में हुई संदिग्ध हत्याओं और मौतों की लिस्ट जारी कर सिद्धारमैया सरकार पर हमला बोला है. पार्टी ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है.

Advertisement

हालांकि ऐसा नहीं है कि कर्नाटक में पहली बार किसी की मौत पर हंगामा बरपा है. इससे पहले भी नेताओं और कई अफसरों की मौत को लेकर कर्नाटक में लोग सड़कों पर उतरे हैं. इनमें बीजेपी से जुड़े नेता भी हैं, जिनकी हत्या कर दी गई.

गौरी लंकेश मर्डर केस में CCTV फुटेज की जांच

पत्रकार गौरी लंकेश मर्डर केस में पुलिस ने अलग-अलग जगहों से सीसीटीवी फुटेज बरामद कर लिया है और हत्यारों को पकड़ने के लिए मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है. साथ ही पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि गौरी पर हमले का कारण नक्सलियों के प्रति उनकी सहानुभूति तो नहीं थी.

एमएम कलबुर्गी की हत्या

कन्नड़ साहित्य के विद्धान और हंपी में कन्नड़ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे एमएम कलबुर्गी की 30 अगस्त 2015 को हत्या कर दी गई. कलबुर्गी को उनके शोध लेखों पर आधारित किताब मार्ग 4 के लिए साहित्य अकादमी से सम्मानित किया गया था. कलबुर्गी लिंगायत समाज की एक प्रगतिशील आवाज थे और हिंदुओं में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ बेबाक रूप से बोलते थे.

Advertisement

कर्नाटक में बीजेपी नेताओं की हत्या

15 अगस्त 2017 को बोम्मानहाली म्युनिसिपल काउंसिल के बीजेपी सदस्य और दलित नेता श्रीनिवास प्रसाद उर्फ कीथागनहल्ली वासु की बेंगलुरू में हत्या कर दी गई. बीते दो सालों में बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के 10 नेताओं की हत्या हुई है.

मारे गए या संदिग्ध मौत के शिकार कर्नाटक के ऑफिसर  

अनुराग तिवारीः 2007 बैच के कर्नाटक काडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी 17 मई 2017 को लखनऊ के हजरतगंज इलाके में अपने बर्थडे के दिन मृत पाए गए. अनुराग की मौत पर जमकर बवाल हुआ. मामले की जांच जारी है.

डीके रविः नवंबर 2015 में साउथ बेंगलुरू में तवारेकेरे स्थित अपने प्राइवेट अपार्टमेंट के बेडरूम में डीके रवि का शव पंखे से झूलता हुआ मिला था.

एस. पी. महंतेशः कर्नाटक सरकार में एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर एसपी महंतेश ने को-ऑपरेटिव सोसायटी के आवंटन में अनियमितताओं का खुलासा किया था. महंतेश पर हमला हुआ और उन्हें रॉड से पीटा गया. हमले में गंभीर रूप से घायल महंतेश की बाद में मौत हो गई.

मल्लिकार्जुन बंदेः कर्नाटक पुलिस के सब इंस्पेक्टर मल्लिकार्जुन बंदे की अंडरवर्ल्ड के शार्पशूटर मुन्ना दरबदर और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान मौत हो गई. अंडरवर्ल्ड शार्पशूटर मुन्ना ने बंदे के सिर में गोली मारी थी. हालांकि संतोष की बात ये है कि मुन्ना के साथ भी यही हुआ.

Advertisement

कलप्पा हंडीबागः 5 जुलाई 2017 को चिकमंगलूरू के डीएसपी कलप्पा हंडीबाग का बेलागावी के मुरागोद में अपने रिश्तेदार के घर शव मिला. कलप्पा पर जुए में गिरफ्तार एक व्यक्ति को छोड़ने के लिए 10 लाख रुपये घूस लेने का आरोप था.

एमके गणपतिः 8 जुलाई 2017 को डीएसपी एमके गणपति को होटल में मृत पाया गया. गणपति के पास से मिले सुसाइड नोट ने बवाल खड़ा कर दिया. 51 वर्षीय ऑफिसर ने अपने नोट में राज्य के गृहमंत्री केजे जॉर्ज और दो पुलिस अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. विपक्ष के भारी दबाव के बीच जॉर्ज को अपना पद छोड़ना पड़ा. हालांकि बाद में उन्हें फिर से सरकार में शामिल कर लिया गया.

राघवेंद्रः पुलिस इंस्पेक्टर राघवेंद्र ने 18 अक्टूबर 2016 अपने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को ही गोली मार कर आत्महत्या कर ली. उनका शव बेंगलुरू से 70 किलोमीटर दूर कोलार के पुलिस स्टेशन में मिला.

25 सालों में 27 पत्रकारों की हत्या

पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़ी कमिटी ने 2016 में अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 1992 के बाद भारत में 27 पत्रकारों की हत्या हो चुकी है. इसके अलावा कमिटी ने 25 हत्याओं को भी दर्ज किया है. हालांकि इनकी मौत के कारणों में पत्रकारीय काम के कनेक्शन की सीधे तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement