उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक क्षेत्राधिकारी (सीओ) समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी गैंगस्टर दुबे को यूपी पुलिस और एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया था. विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था. विकास दुबे को पकड़े जाने के बाद से ही यह सवाल उठता रहा है कि आखिर वह उज्जैन और महाकाल मंदिर तक कैसे पहुंचा?
विकास दुबे ऑटो से महाकाल मंदिर पहुंचा था. विकास दुबे जिस ऑटो से मंदिर तक पहुंचा था, उस ऑटो चालक ने बताया कि वह सुबह 3.55 बजे राजस्थान से आई बाबू ट्रैवल्स की बस से उतरा था. देवास गेट बस स्टैंड पर झालावाड़ से आई बस से चार पैसेंजर उतरे थे. उनमें से एक विकास दुबे भी था. ऑटो चालक ने बताया कि उसे उसके विकास दुबे होने का आभास नहीं हुआ. उसने 2-3 दिन रुकने की व्यवस्था के संबंध में पूछा और महाकाल मंदिर जाने की बात कही.
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ऑटो चालक बंटी के मुताबिक वह विकास को लेकर अनमोल पैलेस गया था. विकास दुबे ने उससे यह भी पूछा कि रुकने के लिए क्या चाहिए. उसके आईडी कार्ड बताने पर अपने पास फोटोकॉपी होने की बात कही थी. बंटी को पुलिस ने 24 घंटे अपनी निगरानी में रखकर उससे पूछताछ की. बंटी ने कहा कि वह व्यक्ति विकास दुबे है, इसका उसे तनिक भी आभास नहीं हुआ था.
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बता दें 2 जून की रात बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमले के मुख्य आरोपी विकास दुबे को उज्जैन से लेकर कानपुर आते समय वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त ऑपरेशन में मार गिराया था. पुलिस ने दावा किया था कि हादसे के बाद विकास ने घायल जवानों की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की.
संदीप कुलश्रेष्ठ