मौत के बाद भी BJP का सिरदर्द बना गैंगस्टर, अब मां लड़ेगी चुनाव!

माना जा रहा है कि निर्मल कंवर को चुनाव में उतार कर संगठन राज्य की बीजेपी सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के मूड में हैं. संगठन का यह कदम बीजेपी को जरुर बेचैन करने वाला है. क्योंकि बीजेपी यह बिलकुल भी नहीं चाहेगी कि उनके प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार हो.

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गैंगस्टर आनंदपाल. गैंगस्टर आनंदपाल.

आदित्य बिड़वई

  • जयपुर ,
  • 29 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:43 AM IST

अजमेर में होने वाले लोकसभा उपचुनाव में गैंगस्टर आनंदपाल की मां निर्मल कंवर चुनाव लड़ सकती है. एनकाउंटर को फर्जी बताने वाले कुछ संगठन उन्हें चुनाव में उतारने की तैयारी कर रहे हैं. इन संगठनों के प्रतिनिधि आनंदपाल की फैमिली से मुलाक़ात कर चुके हैं.

माना जा रहा है कि निर्मल कंवर को चुनाव में उतार कर संगठन राज्य की बीजेपी सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के मूड में हैं. संगठन का यह कदम बीजेपी को जरुर बेचैन करने वाला है. क्योंकि बीजेपी यह बिलकुल भी नहीं चाहेगी कि उनके प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार हो.

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वहीं, कांग्रेस की बात की जाए तो पार्टी इस विवाद में पड़ने से बचेगी. यही नहीं, संगठनों का यह कदम कांग्रेस को फायदा भी दिला सकता है. कांग्रेस बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ रावणा राजपूत और राजपूत मतदाताओं को अपने पक्ष में रखकर वोट मांग सकती है.

आम आदमी पार्टी भी इस सीट पर अपनी नजर जमाए हुए है. चुनाव के प्रदेश प्रभारी कुमार विश्वास का कहना है कि पार्टी इस मामले में कार्यकर्ताओं की राय लेगी और उसके बाद ही प्रत्याशी तय होगा.

कौन है आनंदपाल

आनंदपाल राजस्थान का खूंखार गैंगस्टर था. वह मूल रूप से नागौर के गांव सांवराद का रहने वाला है. 2006 में वह अपराध की दुनिया में आया था. उसके ऊपर कई क्रिमिनल केस चल रहे थे. कुछ माह पहले राजस्थान पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया था. आनंदपाल इतना शातिर बदमाश था कि वह पिछले एक साल में 7 बार पुलिस को चकमा दे चुका था. अपने इलाके में वह रोबिनहुड के नाम से जाना जाता था. 15 से ज्यादा आईपीएस और 20 हजार पुलिस के जवान उसे पकड़ने में लगे थे. उस पर सरकार ने पांच लाख का इनाम घोषित किया था.

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मौत के बाद भी पुलिस का बना था सिरदर्द...

आनंदपाल की मौत के बाद भी बवाल मचा रहा. उस वक्त आनंदपाल की मौत के बाद पूरा राजस्थान सुलग उठा. उसकी मौत राजस्थान में जातीय अस्मिता का सवाल बनी ही साथ ही सरकार के लिए आफत बन गई. आखिरकार पुलिस को जबरन आनंदपाल का अंतिम संस्कार कराना पड़ा. लेकिन हंगामा अभी तक थमा नहीं है.

राजपूत और सरकार आमने-सामने...

आनंदपाल की मौत के बाद सरकार और राजपूत समाज के बीच टकराव हो गया था. समाज के लोगों में एनकाउंटर को लेकर नाराजगी अब तक जारी है. ऐसे में राजस्थान सरकार के साथ केंद्र की पेशानियों पर भी अब बल पड़ने लगे हैं. सवाल ये है कि क्या राजपूत समाज की नाराजगी का असर अजमेर में होने वाले चुनाव में देखने मिलेगा या नहीं.

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