गाजियाबाद पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी कागजातों के जरिए बाइक पर लोन लेकर बाइक खरीदता था. डाउन पेमेंट देने के बाद वह कोई ईएमआई नहीं देता था. इसके बाद उस बाइक को शिकार तलाश कर बेच दिया जाता था.
गाजियाबाद की खोड़ा पुलिस ने एक गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. यह गैंग बेहद शातिर है. बाइक के शोरूम पर जाकर फर्जी कागजातों से लोन पर बाइक खरीद लिया करते थे और उस बाइक को बेच दिया करते थे. क्योंकि बैंक में फर्जी कागजात लगे होते थे, लिहाजा बैंक वाले इनका असली पता नहीं तलाश पाते थे. पुलिस का कहना है कि मामले में बैंक वालों की भी मिलीभगत हो सकती है, जिस पर जांच की जा रही है. आरोपियों से 13 बाइक और एक स्कूटी बरामद की गई है. होंडा शोरूम मालिक ने इनकी शिकायत की थी, जिसके बाद तीन आरोपी गिरफ्तार हुए हैं.
पुलिस का कहना है कि बाइक बेचते समय भी यह लोग फ़र्ज़ी दस्तावेज़ का इस्तेमाल करते थे, जिससे इनके शिकार को शक नहीं हो पाता था कि बाइक की बस डाउन पेमेंट हुई है और कोई ईएमआई नहीं गयी है. बैंक वाले जब इन को तलाशने के लिए जाते थे तो इनका घर नहीं मिलता था, क्योंकि इन्होंने लोन पर बाइक लेते समय फर्जी कागजात का इस्तेमाल किया था. हालांकि यह भी जांच का विषय है कि आजकल बिना आधार के लोन नहीं मिल पाता है, तो इन लोगों को कैसे फर्जी कागजातों पर लोन मिल जाता था. पुलिस इस सब पहलुओं पर जांच की बात कह रही है.
पकड़े गए तीनों आरोपी योगेंद्र, रजनीश और वीरेंद्र एनसीआर के ही रहने वाले हैं और पिछले लंबे समय से इस काम को कर रहे थे. इन्होंने OLX और Facebook के माध्यम से भी कई बाइक्स बेची है. जिन लोगों को इन्होंने बाइक बेची है, शायद उनको शक भी नहीं होता था कि वह जो बाइक खरीद रहे हैं वह लोन पर खरीदी हुई बाइक है. उसके नंबर प्लेट से लेकर दस्तावेज बदले जा चुके हैं. बहरहाल अभी तक 13 दोपहिया वाहन सामने आ चुके हैं. पुलिस को शक है कि अभी और वाहनों की बरामदगी इनसे पूछताछ के बाद होगी. यही नहीं बैंककर्मियों कि मिलीभगत भी इस मामले में होने का अंदेशा है.
तनसीम हैदर / राहुल विश्वकर्मा