...जब अंतरिक्ष से इंदिरा गांधी को बताया- सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा

अंतरिक्ष शक्त‍ि के तौर अपनी पहचान मजबूत करने वाले देश के इस मिशन की शुरुआत 3 अप्रैल 1984 को हुई थी. तब भारत की ओर से सबसे पहले राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में कदम रखा था.

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Rakesh Sharma Rakesh Sharma

मेधा चावला

  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 9:00 AM IST

आसमान के पार जाने का ख्वाब कौन नहीं देखता.. लेकिन ख्वाब देखने से ही ख्वाब पूरे थोड़े होते है. ऐसा ही एक ख्वाब देखा था राकेश शर्मा ने . वो ख्वाब जिसकी कल्पना उन दिनों कोई नही कर सकता था.  बचपन से ही पायलट बनने का सपना देखने वाले राकेश शर्मा 3 अप्रैल 1984 को अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने.

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आइये जानते है उनके बारे में...

1. एक वायुसेना के जवान के तौर पर नौकरी करते हुए राकेश शर्मा ने  नहीं सोचा था कि  उनका सफर यहां से अंतरिक्ष तक पहुंच जाएगा. अपने सफर को याद करते हुए शर्मा ने एक बार कहा था कि मैंने बचपन से पायलट बनने का सपना देखा था, जब मैं पायलट बन गया तो सोचा सपना पूरा हो गया.

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2. 2 अप्रैल 1984 को दो अन्य सोवियत अंतरिक्षयात्रियों के साथ सोयूज टी-11 में राकेश शर्मा को लॉन्च किया गया. इस उड़ान में साल्युत 7 अंतरिक्ष केंद्र में उन्होंने उत्तरी भारत की फोटोग्राफी की और गुरुत्वाकर्षण-हीन योगाभ्यास किया.

3. जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष पहुंचे तो भारत के लोगों के लिए ये 'ना' मानने वाली बात ही थी.  लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि कोई मानव जीव अंतरिक्ष में जा रहा है.

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4. राकेश शर्मा ने 1966 में NDA पास कर इंडियन एयर फोर्स कैडेट बने. उसके बाद 1970 में भारतीय वायु सेना को ज्वांइन कर लिया. फिर यही से उनकी किस्मत ने यू-टर्न लिया और राकेश ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि आज उनके नाम से हर भारतीय का सीना फक्र से चौड़ा हो जाता है.

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5. जब अंतरिक्ष स्टेशन से राकेश शर्मा ने इंदिरा गांधी को फोन किया तो भारतीय प्रधानमंत्री ने पूछा कि वहां से हमारा हिंदुस्तान कैसा नजर आता है, इसके जवाब में शर्मा ने कहा, 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा'.

6. जब सोवियत संघ ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सामने दो भारतीयों के उनके मिशन में शामिल होने का प्रस्ताव रखा. इंदिरा गांधी के पास वायूसेना के अफसरों के अलावा कोई विकल्प नहीं था. ISRO के पास तब इतने संसाधन नहीं थे. ऐसे में वायुसेना के दो अफसरों को 18 महीने की लंबी ट्रेनिंग दी गई. जिसमें राकेश शर्मा के साथ गए रवीश मल्होत्रा उनके साथ ही इस मिशन में शामिल रहे.

7. अंतरिक्ष की कक्षा में उन्होंने 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट गुजारे.

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8. अंतरिक्ष से वापस लौटने के बाद सोवियत सरकार ने उन्हें ‘हीरो ऑफ़ सोवियत यूनियन’ के सम्मान से नवाजा गया. भारत सरकार ने उन्हें शांति-काल के सबसे उच्च बहादुरी पुरस्कार ‘अशोक चक्र’ से सम्मानित किया.

9. जहां इन दिनों बॉलीवुड में बायोग्राफी का चलन जोर- शोर से चल रहा है वहीं ऐसी खबरें भी आ रही है जहां कहा जा रहा कि राकेश शर्मा के जीवन पर बायाग्राफी बनाई जाएगी जिसमें उनका किरदार बॉलीवुड के 'मिस्टर परफेक्टनिस्ट' आमिर खान निभाएंगे. सुशांत सिंह राजपूत के भी ऐसी ही एक फिल्म में काम करने की खबरें हैं.

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