Film Review: अक्षय के फैन्स को निराश नहीं करेगी 'रुस्तम'

अक्षय कुमार की क्राइम थ्रिलर फिल्म रुसतम रिलीज हो गई है. टीनू सुरेश देसाई के निर्देशन में बनी यह फिल्म नानावटी केस से प्रेरित है. फिल्म के लेखक हैं विप्पुल के रावल और निर्माता हैं नीरज पांडे जो कि अक्षय कुमार स्टारर फिल्म 'स्पेशल 26' और 'बेबी' का निर्देशन कर चुके हैं.

Advertisement
फिल्म रुसतम फिल्म रुसतम

सिद्धार्थ हुसैन

  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 6:46 PM IST

फिल्म का नाम: 'रुस्तम'
डायरेक्टर: टीनू सुरेश देसाई
स्टार कास्ट: अक्षय कुमार, इलियाना डी क्रूज ,ईशा गुप्ता, अर्जन बाजवा, कुमुद मिश्रा,पवन मल्होत्रा
रेटिंग: 3 स्टार

अक्षय कुमार की क्राइम थ्रिलर फिल्म 'रुसतम' रिलीज हो गई है. टीनू सुरेश देसाई के निर्देशन में बनी यह फिल्म नानावटी केस से प्रेरित है. फिल्म के लेखक हैं विप्पुल के रावल और निर्माता हैं नीरज पांडे जो कि अक्षय कुमार स्टारर फिल्म 'स्पेशल 26' और 'बेबी' का निर्देशन कर चुके हैं.

Advertisement

कहानी
रुस्तम पावरी (अक्षय कुमार) एक नेवल ऑफि‍सर के किरदार में है, जिसकी शादी सिंथ्या (इलियाना डिक्रूज) से होती है और फिर रुस्तम अपनी नौकरी के सिलसिले में जहाज पर चला जाता है और इसी दौरान रुस्तम के दोस्त विक्रम से सिंथ्या की नजदीकियां बढ़ती हैं और उनके बीच अफेयर शुरू हो जाता है. रुस्तम को जब इस पूरे मामले के बारे में पता चलता है तो वो बौखला जाता है, वो विक्रम से जाकर पूछता है आखि‍र ये सब क्यों हुआ और दोनों के बीच बहस होती है और रुस्तम के हाथों विक्रम मारा जाता है. फिर शुरू होती है कोर्ट की कार्यवाही जिसमें रुस्तम की जिंदगी में नया मोड़ आ जाता है.

स्क्रीनप्ले
असल जिंदगी से प्रेरित कि‍स्से में फि‍क्शन को दिलच्स्प तरीके से पिरोया गया है, लेकिन पहला भाग और टाइट हो सकता था अगर 2 गाने कम कर देते और फिल्म की एडिटिंग और शार्प हो सकती थी लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म की गती तेज हो जाती है और आखि‍र तक फिल्म बांधने में कामयाब रखती है. इसके अलावा 50 और 60 के दशक का मुंबई शहर और बेहतर लग सकता था. बात करें आर्ट डायरेक्शन की तो वो भी कुछ खास नहीं, अच्छी कहानी के बावजूद निर्देशक घिसेपिटे फॉर्मूलों से फिल्म को बचा नहीं पाता है, जैसे कोर्ट रूम के सीन्स में वकील के साथ अक्षय की बहस एक तरफा लगती है, वकील शातिर के बजाय बेवकूफ लगता है.

Advertisement

अभिनय
अक्षय कुमार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मौका मिलने पर वो कोई भी किरदार बखूबी निभा सकते हैं, एक नेवल ऑफि‍सर किस तरह चलता है बात करता है, अक्षय ने किरदार को बाकायदा जिया है और फिल्म की कुछ कमजोरियां उनके अभिनय से छिप जाती हैं, पवन मल्होत्रा इंन्वेस्टीगेटिंग ऑफि‍सर के किरदार में खूब जमे हैं, कुमुद मिश्रा ने पारसी अखबार के मालिक के तौर पर कमाल का अभिनय किया है, फिल्म में कुछ हंसी के पल कुमुद की वजह से ही हैं. इलियाना डिक्रूज, अर्जन बाजवा, बाकी सह कलाकारों का काम भी सराहनीय है. परमीत सेठी, कंवलजीत सिंह भी अपने अपने किरदारों में फिट बैठते हैं.

कमजोर कड़ी
फिल्म के गानें ही इसकी कमजोर कड़ी हैं, गाने अलग से सुनने में अच्छे लगते है, लेकिन क्राइम थ्रिलर गानों से जितना बचे उतना बेहतर. फिल्म को सिंगल थिएटर से ज्यादा फायदा मल्टीप्लेक्स ऑडियेंस से होगा.

क्यों देखें
अक्षय कुमार के चाहनेवाले उनसे निराश नहीं होंगे और फिल्म में उनके साथ बाकी बेहतरीन एक्टर्स का कारवां तो है ही.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement