एक तरफ जहां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ में हजारों लोगों के साथ योग किया तो दूसरी तरफ 250 किसानों ने राज्य के सिविल सेक्रेटेरिएट के बाहर खून के साथ प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कांग्रेस नेता और किसान खेत मजदूर सेल के पंजाब चीफ इंद्रजीत सिंह जीरा ने किया. पंजाब को दरकिनार करने के लिए केंद्र और राज्य की आलोचना करते हुए इन किसानों ने 'बादल-मोदी किसान विरोधी और किसान मर रहे हैं, मोदीजी योगा कर रहे हैं' के नारे लगाए.
प्रदर्शनकारी सुबह 6 बजे पंजाब कांग्रेस भवन पर इकट्ठा हुए और वहां अपना मार्च शुरू किया. जब प्रदर्शनकारियों ने योग दिवस के आयोजन स्थल में घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया. प्रदर्शनकारियों ने किसानों द्वारा डोनेट किए गए खून के साथ नारे लगाए और राज्य में लगातार किसान आत्महत्या के मामले को उठाया.
अपने संबोधन में कांग्रेस नेता इंद्रजीत सिंह जीरा ने कहा कि राज्य के किसानों ने मोदी और बादल सरकार पर से भरोसा खो दिया है क्योंकि ये सरकारें राज्य में आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों के लिए कुछ नहीं कर सकी है. जीरा ने कहा कि हाल में 8 हजार किसानों ने अपनी जान दी लेकिन न तो पीएम और न ही बादल सरकार ने ही उनके प्रति कोई हमदर्दी दिखाई.
पीएम मोदी को लिखे एक खुले पत्र में इंद्रजीत जीरा ने यह भी सवाल किया कि डॉक्टर मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान जो सुविधाएं किसानों को दी गई थीं वे वापस क्यों ले ली गई हैं. बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर दिया गया लेकिन किसानों के बारे में क्यों नहीं सोचा जा रहा है. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो इसका बड़ा हर्जाना भुगतना होगा.
प्रियंका झा / मनजीत सहगल