वो लड़कियों के नाम का फेसबुक प्रोफाइल बनाता, फिर उस पर किसी खूबसूरत लड़की की फोटो लगाता और उसके बाद एक साथ सैकड़ों लोगों को दोस्ती के लिए रिकवेस्ट भेजता था. फेसबुक पर दोस्ती हो जाने के बाद वो रात में लड़की बन कर मैसेज करता था. एक बार जब सामने वाला पूरी तरह से उसके जाल में फंस जाता तो फिर शुरु होता ठगी का धंधा.
किसी से कहा जाता कि उसके पास अमेरिकी डॉलर है, जो भारत भेजना है पर कस्टम में एक लाख लगेंगे. किसी से सोना भेजने के नाम पर तो किसी से मंहगे मोबाइल फोन के नाम पर एकाउंट में रुपये डलवाए जाते. लागातर बढती शिकायत के बाद यूपी में केस एसटीएफ के हवाले कर दिया गया. एसटीएफ ने अपनी तफ्तीश शुरू की तो मामला खुलता चला गया.
पुलिस को पता चला कि सारे फेसबुक प्रोफाइल एक ही कंप्यूटर और आईपी एड्रेस से चलाए जा रहे हैं. उसका लोकेशन भी दिल्ली में है. इसके बाद यूपी एसटीएफ पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी पहुंची. वहां से एक नाईजीरियाई मूल के एक नागरिक को पकड़ लिया गया. उसके कंप्यूटर की जांच की गई, तो पूरा मामला सामने आ गया. आरोपी का नाम इनोबाखरे है.
बीते अगस्त महीने में मुंबई पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने भी ठगी करने वाले एक नाइजीरियन गैंग का पर्दाफाश किया था. इस गैंग पर बांद्रा के रहने वाले एक बुज़ुर्ग से 1.97 करोड़ रुपये छीनने का आरोप लगा था. इस नाइजीरियन गैंग ने मुंबई में 108 फर्जी बैंक खाते फर्जी पैन कार्ड पर खुलवाए थे. पुलिस ने फर्जी पैन कार्ड रैकेट के सरगना को भी गिरफ्तार कर लिया था.
72 वर्षीय बुजुर्ग को फेसबुक पर 'यूएस के एक फ्रेंड' ने अफगानिस्तान में इन्वेस्टमेंट की योजना बताई और बड़ा फायदा मिलने का झांसा देकर ठगी को अंजाम दिया. जांच के दौरान पुलिस दिल्ली पहुंची. दिल्ली से मंगल बिश्नोई, अनित अग्रवाल, समीर मर्चेंट (करण शर्मा), जीतेन्द्र राठौर और परेश निसबंद को पकड़ा. इनके खातों में अचानक बड़ी राशि ट्रांसफर की गई थी.
जांच में ये भी पता चला है कि सभी 108 खातों में KYC दस्तावेज में पैन कार्ड अहम सबूत के तौर पर जमा कराया गया था, जब पैन कार्ड कि जांच की गई तो वो भी फर्जी निकले. मामले की जांच आगे बढ़ी तो पुलिस मोहम्मद आरिफ शेख तक पहुंची. रेड में आरिफ शेख के दफ्तर से ढेरों दस्तावेज और 11 फर्जी पैन कार्ड मिले.
मुकेश कुमार / हिमांशु मिश्रा