गुरदासपुर आतंकी हमले के 24 घंटे बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपनी चूक स्वीकार की है. बीएसएफ ने माना है कि आतंकी घटना से निपटने के लिए पंजाब में उसकी तैयारी जम्मू-कश्मीर जैसी मजबूत नहीं थी, जिसका फायदा हमलावर आतंकियों ने उठाया.
एक शीर्ष अधिकारी ने माना है कि पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था वैसी कड़ी नहीं थी, जैसी जम्मू में हुआ करती है. अधिकारी ने कहा कि आगे से इस बात का ख्याल रखा जाएगा.
नाम न बताने की शर्त पर बीएसएफ के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया, 'अपनी जांच के बाद हम यही सकते हैं कि हमारी पूरी कोशिशों के बावजूद आतंकी पंजाब के उस इलाके से घुस आए , जिसे हम चेक कर चुके थे. हमारी बाड़ टूटने का कहीं कोई संकेत नहीं मिला. हालांकि यह मानने के लिए पर्याप्त तथ्य मिले हैं कि आतंकी पहाड़ीपुर बीओपी की तरफ से अंदर घुसे, जबकि यह इलाका निगरानी के क्षेत्र में है. उन्होंने पानी का रास्ता चुना होगा.'
'अलर्ट का वैसा स्तर नहीं था'
अधिकारी ने आगे यह भी कहा कि पंजाब में सतर्कता का वैसा स्तर नहीं था, जैसा पिछले अलर्ट के समय जम्मू में था. उन्होंने कहा, 'दोनों जगह यह एक सा नहीं था और इसी में घटना का कारण छिपा है. खैर, हमने सबक सीखे हैं और पानी के रास्ते से होने वाली घुसपैठ रोकने पर काम किया जा रहा है.'
उधर पहाड़ीपुर में तैनात बीएसएफ की 141वीं बटालियन के एक जवान ने कहा, 'हमें सख्त निर्देश हैं कि हम आपसे बात न करें.'
पहाड़ीपुर गांव में रहते हैं करीब 250 लोग
एक अन्य जवान ने कहा, 'अब हम अतिरिक्त चौकसी बरत रहे हैं.' पहाड़ीपुर गांव में करीब 250 लोग रहते हैं, जिनमें कई रिटायर्ड कर्मचारी और पैरामिलिट्री के पूर्व जवान शामिल हैं. रिटायर्ड सैन्यकर्मी अजीत राम ने कहा, 'हमारे गांव में ऐसे लोग नहीं हैं जो घुसपैठियों को पनाह दें. हमें नहीं पता कि वे कहां से और कैसे घुसे.'
जम्मू में 186 किलोमीटर लंबी एलओसी सीमा और पंजाब में 462.5 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ ही संभालती है. इसके बावजूद सितंबर 2013 से लअब तक 6 बड़े आतंकी हमले हो चुके हैं.
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