ब्रिटेन के EU से अलग होते ही कैमरन ने लिया इस्तीफे का फैसला, जॉनसन बन सकते हैं नए PM

एक अनुमान के मुताबिक, 4 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया. इनमें करीब 12 लाख भारतीय मूल के हैं.

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन

स्‍वपनल सोनल

  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2016,
  • अपडेटेड 12:21 AM IST

ऐतिहासिक जनमत संग्रह में ब्रिटेन यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग हो गया है. गुरुवार को वोटिंग खत्म होने के बाद शुक्रवार को वोटों की गिनती हुई, जिसमें 'लीव' यानी ब्र‍िटेन के ईयू का हिस्सा नहीं रहने के पक्ष में 51.9 फीसदी (17,410,742) लोगों ने वोट किया. जबकि 'रीमेन' यानी संघ का हिस्सा बने रहने के पक्ष में 48.1 फीसदी (16, 141, 241) वोट ही पड़े.

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नतीजों के बाद अपने संबोधन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि वह जनता के फैसले का सम्मान करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपने इस्तीफे को लेकर भी घोषणा की. कैमरन ने कहा, 'मैं अभी तीन महीने तक पीएम पद पर बना रहूंगा. इसके बाद पार्टी कॉन्फ्रेंस में पीएम पद से इस्तीफा दे दूंगा.'

दो अक्टूबर से शुरू होगी कॉन्फ्रेंस
कैमरन ने कहा कि ईयू से ब्रिटेन के अलग होने के फैसले के बाद वह पद छोड़ने का फैसला कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर से शुरू हो रही कंजर्वेटिव पार्टी की कॉन्फ्रेंस में वह पद से इस्तीफा देंगे और इसके बाद नए प्रधानमंत्री पद संभालेंगे.

इससे पहले कैमरने की कुर्सी पर खतरे को लेकर खबरों का ब्रिटिश विदेश मंत्री ने खंडन किया था. उन्होंने कहा कि कैमरन प्रधानमंत्री बने रहेंगे. दूसरी ओर, नतीजों के बाबत पाउंड 31 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है, वहीं भारतीय शेयर बाजार सेंसेक्स में भी 1004 अंकों की गिरावट दर्ज की गई.

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एक अनुमान के मुताबिक, 4 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया. इनमें करीब 12 लाख भारतीय मूल के हैं. सभी 382 क्षेत्रों के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. ब्रिटेन में किसी भी चुनाव में जनभागीदारी का यह रिकॉर्ड है. राजधानी लंदन सहित दक्षिण-पूर्व ब्रिटेन के कई इलाकों में खराब मौसम के बावजूद लोगों में मतदान को लेकर खासा उत्साह दिखा.

नतीजों से लड़खड़ाया पाउंड
दूसरी ओर, रायशुमारी के शुरुआती नतीजों के बीच पाउंड ने गोता लगाया है. नतीजे आने से पहले पाउंड 1.50 डॉलर पर चल रहा था. लेकिन जब नतीजों का रुझान यूरोपीय यूनियन से अलग होने के पक्ष में दिखने लगा तो पाउंड 1.41 डॉलर पर आ गया. इसके बाद गोता लगाने का दौर शुरू हुआ और पाउंड 31 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया. डॉलर के मुकाबले शुक्रवार को पाउंड 1.3466 पर रहा.

पढ़ें, इन देशों ने भी अहम फैसलों के लिए करवाया है जनमत संग्रह

गौरतलब है कि इससे पहले 1975 में भी इस तरह का एक जनमत संग्रह हो चुका है, तब अधि‍कतर लोगों यूनियन में बने रहने के पक्ष में वोट किया था.

कैमरन ईयू में बने रहने के पक्ष में
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने पत्नी सामंता के साथ वोट डालने के बाद ब्रिमेन (ब्रिटेन का ईयू में बने रहना) के समर्थन में ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए ईयू में बने रहने के पक्ष में मतदान करें. लंदन के पूर्व मेयर बोरिस जॉनसन ने ट्वीट कर लोगों से Brexit (ब्रिटेन का ईयू से बाहर जाना) का समर्थन करने और देश की स्वतंत्रता का जश्न मनाने की अपील की. जॉनसन देश के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं.

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क्यों उठी ईयू से ब्रिटेन के अलग होने की मांग?
साल 2008 में ग्रेट ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ गई. देश में बेरोजगारी बढ़ गई. इसकी वजह से एक बहस ने जन्म लिया कि क्या ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से अलग हो जाना चाहिए? इस मांग को 2015 में ब्रिटेन में हुए आम चुनावों में यूनाइटेड किंगडम इंडिपेंडेंस पार्टी (यूकेआईपी) ने उठाया. इस धड़े का मानना है कि अगर ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन से अलग हो जाता है तो देश की सारी दिक्कतें दूर हो जाएंगी.

पढ़ें, ब्रिटेन के EU से अलग होने का क्या होगा भारत पर असर?

क्यों पड़ी जनमत संग्रह की जरूरत?
ब्रिटेन में ही एक धड़ा यह भी मानता है कि ब्रिटेन का यूरोपियन यूनियन से अलग होना देश के लिए बड़ा झटका होगा. प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और कंजर्वेटिव पार्टी का भी यही मानना है. ब्रिटेन के नागरिकों की राय भी इस मसले पर बंटी हुई है. इसलिए मामले पर जनमतसंग्रह करवाना सही समझा गया. तकरीबब 4 करोड़ 60 लाख लोग जनमतसंग्र में हिस्सा लेने के योग्य हैं.

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