बंगलुरु में हिंसक प्रदर्शन के बाद सरकार ने PF निकालने के नए नियम पर लगाई 3 महीने की रोक

तेज विरोधों के बाद केंद्र सरकार ने ईपीएफओ मामले में अगले तीन महीने तक यथास्थिति बनाए रखने का ऐलान किया है. पीएफ से रकम निकाले जाने की प्रक्रिया को सख्त करने के नोटिफिकेशन को सरकार ने 31 जुलाई तक रोक दिया है.

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श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय करेंगे स्टेकहोल्डर्स से चर्चा श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय करेंगे स्टेकहोल्डर्स से चर्चा

केशव कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 4:54 PM IST

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) मामले में केंद्र सरकार बैकफुट पर आ गई है. तेज विरोधों के बाद केंद्र सरकार ने इस मामले में अगले तीन महीने तक यथास्थिति बनाए रखने का ऐलान किया है. पीएफ से रकम निकाले जाने की प्रक्रिया को सख्त करने के नोटिफिकेशन को सरकार ने 31 जुलाई तक रोक दिया है.

केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने मंगलवार को कहा कि इस दौरान हम पीएफ से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स से चर्चा करेंगे. उनका यह फैसला कर्मचारियों के पीएफ से रकम निकालने की प्रक्रिया को सख्त करने के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे तेज विरोध के बीच आया है. श्रम मंत्रालय ने सोमवार को नियमों में संशोधन का ऐलान करते हुए कहा था कि कोई भी खाताधारक इलाज, हाउसिंग, शादी और बच्चों की पढ़ाई के लिए खाते में जमा पूरी राशि निकाल सकता है.

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इससे पहले नए नियम के विरोध में प्रदर्शन कर रहे बंगलुरु के गारमेंट फैक्ट्री कर्मचारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें चार पुलिसकर्मियों समेत कई प्रदर्शनकारी भी घायल हो गए. प्रदर्शन की वजह से प्रमुख सड़कों पर जाम लग गया और कई एंबुलेंस भी जाम में फंसी रहीं.

फैक्ट्री कर्मचारी सरकार के उस फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे जिसमें पीएफ के नियमों बदलाव की बात कही गई थी. प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया और कुछ वाहनों को आग भी लगाकर तोड़फोड़ भी की. कर्मचारी सरकार से फैसले वापस मांग लेने की मांग कर रहे हैं. उग्र प्रदर्शनाकरियों को काबू में करने के लिए पुलिस को आसू गैस छोड़ने पड़े. इस घटना के बाद इलाके में पुलिस की तैनाती कर कर दी गई है.

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1 मई से बदलने वाले थे नियम
पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पीएफ की निकासी पर कई नए नियम लगाने का ऐलान किया था. 1 मई से लागू होने वाले इस प्रस्तावित नियम के तहत कोई भी एंप्लॉयी नौकरी छोड़ने या निकाले जाने के बाद भी पूरा पीएफ नहीं निकाल सकता. उसे 58 साल के बाद ही पीएफ की पूरी राशि निकालने का अधिकार होगा.

जरूरी प्रावधानों को किया गया शामिल
श्रम मंत्रालय के मुताबिक हाउसिंग, गंभीर बीमारी के इलाज (अपने या परिवार के किसी सदस्य), बच्चों की मेडिकल, डेंटल और इंजिनियरिंग की पढ़ाई और उनकी शादी के लिए सदस्य पीएफ की पूरी राशि निकालने के लिए आवेदन कर सकेंगे. यह राहत राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों को भी दी गई है. यह प्रावधान इसी साल अगस्त से लागू होंगे.

ट्रेड यूनियनों ने रखी थी मांग
ट्रेड यूनियनों की ओर से श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय को ज्ञापन सौंपे जाने के बाद प्रस्तावित नियमों में यह संशोधन किया गया है. मंत्रालय ने फैसला लिया है कि मेंबर को अपनी पूरी जमा राशि निकालने का विकल्प देगी. आवेदनकर्ता उपरोक्त कारणों के चलते आवेदन करता है तो वह निकासी के दिन तक के ब्याज की राशि को भी निकालने का अधिकारी होगा.

फरवरी में आए थे नए नियम
फरवरी में श्रम मंत्रालय ने कहा था कि पीएफ खाताधारक को पैसा निकालने के लिए 58 साल की उम्र तक इंतजार करना होगा. लेकिन बदले हुए प्रावधानों से करोड़ों पीएफ खाताधारकों को बड़ी राहत मिली है.

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