सड़क पार करते समय आपका ध्यान रेड लाइट की तरफ तो जरूर जाता होगा. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है आखिर ये रेड लाइट का कहां से आई? इसका निर्माण कब हुआ?
जानते हैं सड़क पर गाड़ियों का संतुलन बैठाने वाली रेड लाइट के इतिहास के बारे में
1. अमेरिका के ओहायो में दुनिया की पहली इलेक्ट्रिक ट्रैफिक लाइट ने साल 1914 में 5 अगस्त को काम करना शुरू किया था. एक पुलिस अधिकारी लेस्टर वायर ने इसका अविष्कार किया था.
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2. यूं तो गैस से चलने वाली पहली रेड लाइट साल 1868 में लंदन में लगाई गई थी. लेकिन ये सुरक्षित नहीं थी और इसमें गैस रिसने की वजह से धमाका हो जाता था.
3. चौराहे पर लगने वाली तीन रंगों वाली पहली ट्रैफिक लाइट पुलिस ऑफिसर विलियम पॉट्स ने साल 1920 में बनाई थी.
4. अमेरिकन ट्रैफिक सिग्नल कंपनी ने ओहायो के क्लीवेलैंड में ईस्ट 105 स्ट्रीट और यूस्लिड एवेन्यू के बीच पहली इलेक्ट्रिक ट्रैफिक लाइट लगाई.
5. इसमें हरा और लाल रंग थे और एक बजर था,जो लाइट बदलने से पहले संकेत देता था. उस वक्त ट्रैफिक लाइट में सिर्फ 2 ही रंग होते थे. लाल और हरा.
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6. मीडिया रिपोर्ट के मुताबित जब रेड लाइट का इस्तेमाल सबसे पहले इंग्लैंड में किया गया था. उस दौरान ट्रैफिक संभाल रहे हैं कर्मचारी की जान जाने के बाद इसे बंद कर दिया गया था . क्योंकि उस समय का ट्रैफिक आज के समय से अलग था. उस समय लोग बैलगाड़ी और इंसान द्वारा चलाई जाने वाली गाड़ियों का इस्तेमाल ज्यादा करते थे उन्हें ट्रैफिक के नियमों के अनुसार चलाना आसान नहीं था.
7. यूरोपियन पेटेंट ऑफिस के पास ट्रैफिक लाइट से जुड़े 5,000 से ज्यादा अविष्कारों की लिस्ट है.
8. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में ट्रैफिक लाइट के लिए सबसे पुराना पेटेंट U.S.Patent # 1,251,666 है, जिसे 1 जनवरी 1918 को क्लेवेंड के ही जे बी हॉज के नाम पर है.
9. ट्रैफिक लाइट 3 रंगों का प्रयोग का आइडिया रेलवे सिग्नल से प्रेरित था.
रंगों की पहचान जरूरी
आज ट्रैफिक लाइट तीन रंगों में काम करती है. कई दशकों से लाल, पीली और हरी बत्तियां हमारे शहरों के यातायात को संभालती आ रही हैं.
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ऐसे में सबको रंगों के इस कोड की जानकारी होना बेहद जरूरी है. जिसमें साफ है कि लाल बत्ती का मतलब है कि रुकने का संकेत दिया जा रहा है. पीली लाइट हमें इंतजार करने का इशारा करती है. इसके साथ ही हरी लाइट जाने के लिए इंडीकेट करती है.
वंदना भारती