अगर एक 15 साल की लड़की श्रीनगर में जाकर झंडा फहराने की बात कर सकती है तो हम क्यों नहीं. इसी बात को लेकर जालंधर के तीन युवकों ने सर पर कफन बांध श्रीनगर में जाकर तिरंगा फहराने की कसम खाई और तिरंगा भी फहराया. इस दौरान उनके उपर पथराव भी हुआ, लेकिन वहां तैनात अर्द्ध सैनिक बलों ने ना सिर्फ उनकी कसम को पूरा करवाने में साथ निभाया उनको वापस जालंधर भी भेजा.
जब लिया श्रीनगर में तिरंगा फहराने का संकल्प
पूरे देश ने जहां जोश व उल्लास से 70वां आजादी दिवस मनाया, वहीं भारत के ही एक अंग श्रीनगर में तिरंगा फहराने के लिए काफी जद्दोजहिद करनी पड़ी. लेकिन देश में ना तो आजादी से पहले मर मिटने वालों की कमी थी और ना ही अब है. ऐसे ही जालंधर के एक बहादुर युवक मनिंदर ने जब लुधियाना की जाह्नवी से श्रीनगर में तिरंगा फहराने की बात सुनी, तो उसने अपने दो दोस्तों के साथ प्रण लिया कि अगर तिरंगा फहरांएगे तो श्रीनगर में ही फहराएंगे.
जब मिले अन्य राज्यों के नौजवान
इन तीनों दोस्तों मनिंदर सिंह, रोहित चौहान और राहुल ने 14 अगस्त को श्रीनगर का रुख किया और देर रात दो बजे के करीब श्रीनगर के जवाहर टनल पर जा पहुंचे. इन लोगों को सुबह साढ़े सात बजे आगे रवाना किया गया. काजी कुंड के पास जाकर उनकी गाड़ी पर पथराव हुआ, लेकिन वे सोच कर गये थे कि तिरंगा फहराएंगे, तो श्रीनगर में ही. इसी दौरान उन्हें एक दिल्ली, दो उत्तर प्रदेश और दो मध्य प्रदेश के युवक भी मिले और फिर आठों युवक आगे बढ़े.
लगाए 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' के नारे
संगम चौक के पास जाकर जब उन्होंने सीआरपीएफ को अपने मकसद से अवगत करवाया, तो उन्होंने उनका साथ दिया और फिर विरोध के बीच उन्होंने तिरंगा फहराया. जब वे लोग तिरंगा फहरा रहे थे, तब वहां के बाशिंदों ने इनका विरोध किया और सामने से 'हिंदुस्तान मुर्दाबाद', 'कश्मीर को आजादी दो' जैसे नारे लगाते हुए पाकिस्तान का झंडा भी फहराया. जब इन सभी युवकों ने भारत के खिलाफ नारेबाजी सुनी, तो इन्होंने भी 'हिंदुस्तान जिंदाबाद', 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम', 'जो बोले, सो निहाल' जैसे नारे लगाए.
जब नौजवानों पर फेंके गए पत्थर
मनिंदर के साथी दोस्त रोहित चौहान के मुताबिक जब वह वहां झंडा फहरा कर सीआरपीएफ कैंप में रुके, तो वहां उनके उपर सभी तरफ से पथराव हुआ और पथराव करने वाले लोग इन सभी युवकों को उनके हवाले करने की मांग कर रहे थे, लेकिन सीआरपीएफ ने हवाई फायरिंग कर भीड़ को वहां से खदेड़ दिया. तिरंगा फहराने के करीब 12 घंटे बाद सीआरपीएफ ने नौजवानों को जवाहर टनल तक छोड़ा और वे 16 अगस्त को वापस जालंधर पहुंचें.
सतेंदर चौहान / सुरभि गुप्ता