आंदोलनों से हिला पूर्वी भारत, ट्रेन व्यवस्था ठप्प, दो लोगों की मौत

जेएनयू विवाद और जाट आंदोलन के बीच पश्चिम बंगाल और असम में ताजा हड़ताल से पूर्वी भारत हिल गया है. पश्चिम बंगाल में ग्रेटर कूचबिहार को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर तो दूसरी तरफ असम में संथल समुदाय जनजातीय दर्जे की मांग को  लेकर प्रदर्शन कर रहा है.

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मांगों को लेकर रेलवे ट्रैक पर कब्जा जमाए आंदोलनकारी मांगों को लेकर रेलवे ट्रैक पर कब्जा जमाए आंदोलनकारी

मोनिका शर्मा / मनोज्ञा लोइवाल

  • कोलकाता,
  • 23 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:48 AM IST

एक तरफ जहां हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में जाट आंदोलन ने ट्रेनों की आवाजाही और लोगों की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल और असम में कूचबिहार को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हड़ताल जोरो पर है.

आंदोलन का तीसरा दिन
बंगाल के उत्तर में और असम की सीमा पर स्थित कूचबिहार को अलग राज्य बनाने की मांग लेकर प्रदर्शन का सोमवार को तीसरा दिन रहा. वहीं, असम के कोकराझार में संथल समुदाय ने जमकर प्रदर्शन किया. संथल एक जनजातीय समुदाय है, जो अपने लिए जनजातीय दर्जे की मांग कर रहे हैं.

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अलग राज्य की मांग
ग्रेटर कूचबिहार पीपल्स एसोसिएशन(जीसीपीए) ने अपने नेता बांगसी बदन बर्मन के नेतृत्व में 19 फरवरी को न्यू कूचबिहार रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन का ऐलान किया था. वो कूचबिहार को अलग राज्य घोषित करने की मांग कर रहे हैं और अब इसे जिले के तौर पर नहीं देखना चाहते. कई प्रदर्शनकारियों ने रेल की पटरियों पर जमावड़ा लगा लिया. प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पोस्टर लहराते हुए और नारेबाजी करते हुए मांगे पूरी होने तक प्रदर्शन करने का ऐलान किया.

इन राज्यों को शामिल करने की मांग
जीसीपीए के मुताबिक ग्रेटर कूचबिहार राज्य में बंगाल के कूचबिहार, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर जिले और असम के बोंगईगांव को शामिल किया जाएगा. हालांकि पड़ोसी जिले इसके लिए सहमत नहीं है.

आंदोलन से दो लोगों की मौत
इस आंदोलन के चलते अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. ट्रेन को रोके जाने की वजह से असम के रहने वाले खेम बहादुर छेत्री और बिहार के रहने वाले विनय कुमार ठाकुर की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. हालांकि प्रदर्शनकारियों ने दोनों की मौत पर दुख जताया है, लेकिन फिर भी वो आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं हैं.

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दूसरे संगठनों का समर्थन
कमतापुर पीपल्स पार्टी ने भी जीसीपीए की मांक का समर्थन किया है और धमकी दी है कि अगर उनकी मांगों का जवाब नहीं दिया गया तो दोनों संगठन मिलकर उत्तरी बंगाल के जिलों में प्रदर्शन करेंगे. आंदोलनकारियों की मांग है कि राज्य सरकार के प्रतिनिधि उनसे आकर मिलें और मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाएं.

संथल समुदाय का आंदोलन
दूसरी तरफ सोमवार को संथल समुदाय के लोगों ने जनजातीय दर्जे की मांग को लेकर असम में रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को रोक दिया. उन्होंने रेलवे ट्रैक पर चढ़कर नारेबाजी की. इन आंदोलनों के चले उत्तरपूर्वी भारत में रेल व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. कई ट्रेनों को रद्द किया गया है जबकि कुछ ट्रेनें देर से चल रही हैं. कूच बिहार स्टेशन पर एक नई लोकल ट्रेन के उद्धाटन के समारोह को भी रद्द कर दिया गया.

 

उत्तर-पूर्वी रेलवे के एडीआरएम के आर.के. मोटवानी ने बताया कि वो यात्रियों की मूलभूत जरूरतों का ख्याल रख रहे हैं लेकिन राज्य सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करके इसे सुलझाना होगा.

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