देश में कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन और इसके कारण राज्यों के सामने आर्थिक चुनौतियां भी हैं. ई-एजेंडा आजतक के मंच पर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इन सभी चुनौतियों पर अपनी राय और इससे निपटने के लिए रणनीति पर खुलकर बात की. इनमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी थे. पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को भी बड़ा नुकसान हुआ है. प्रदेश के पर्यटन को 1500 करोड़ के कुल नुकसान का अनुमान जताया जा रहा है.
इस नुकसान की भरपाई, पर्यटन पर निर्भर छोटे व्यापारियों को सहायता के लिए सरकार का क्या एक्शन प्लान है? इस सवाल के जवाब में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने यह स्वीकार किया कि नुकसान बहुत बड़ा है. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि हालात सामान्य हों. शीतकालीन पर्यटन भी काफी बढ़ा है. उत्तराखंड में हमारी कोशिश होगी कुछ महीनों नहीं, 365 डेज टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए.
Live: सीएम प्रमोद सावंत ने बताया- गोवा कैसे हुआ कोरोना मुक्तमुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हमने एक वेलनेस समिट का आयोजन अप्रैल में निर्धारित किया था. अप्रैल में ही एडवेंचर समिट भी होनी थी. लेकिन कोरोना की महामारी के कारण इसे टालना पड़ा. उन्होंने कहा कि आगे चलकर हम इसे रिकवर करेंगे. कोरोना वायरस से निपटने के लिए अपनाई गई रणनीति पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सख्ती और सतर्कता, दोनों को अपनाया. उन्होंने कहा कि 15 मार्च को पहला केस सामने आते ही स्कूल बंद कर वर्क फ्रॉम होम लागू कर दिया.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में स्क्रीनिंग शुरू कर दी. जिन लोगों ने इस बीमारी को फैलाया या उन्होंने नेपाल का सीमावर्ती राज्य होने का जिक्र करते हुए कहा कि गृह मंत्रालय से बात करने के बाद सबको सतर्क किया और स्क्रीनिंग शुरू कर दी. 22 मार्च से अब तक, हमने बहुत सख्ती और सतर्कता से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया. कार्यक्रमों पर रोक लगाया और इसका पालन भी कराया.
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मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि अब तक संक्रमण का कारक बनने वाले 16 लोगों पर 307 के तहत मुकदमा कायम किया गया है. मृत्यु की स्थिति में यह 302 में तब्दील हो जाएगा. उन्होंने जमात की चर्चा करते हुए कहा कि 1435 जमाती हमारे राज्य के थे. हमने एक-एक को ढूंढ़ा. सबको क्वारनटीन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 5 अप्रैल को यह ऐलान कर दिया था कि खुद सरेंडर न करने की स्थिति में सख्ती बरती जाएगी.
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इससे पहले मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति पर बात करते हुए कहा कि 4 मई से ग्रीन जोन पूरी तरह से खोल दिए जाएंगे. गौरतलब है कि ग्रीन जोन में उत्तराखंड के 13 में से 10 जिले हैं. उन्होंने चार धाम यात्रा और बाबा केदारनाथ के दर्शन से जुड़े सवालों पर भी बात की और ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था को लेकर विचार करने की बात कही.
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