हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से पिछले दो महीनों में बड़ा भारी नुकसान हुआ है. हमारे इंडस्ट्रियल जिले बंद हैं. दो महीने में 12 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. केंद्र सरकार से जो मदद मिली है, वह कम है. वैट 50 फीसदी ही आया है. कई सरकारी विभागों से टैक्स नहीं आया है. पिछले महीने हमने 5 हजार करोड़ रुपये का लोन लिया है.
खट्टर ने कहा कि लोन तो इसलिए लिया गया है ताकि सैलरी और आवश्यक खर्चें पूरे किया जा सकें. केंद्र से भी मदद मांगी है. इसके अलावा बस के किराए में 15 पैसे की बढ़ोतरी, मंडी की फीस बढ़ाई है, पेट्रोल डीजल पर 1 रुपए प्रति लीटर वैट बढ़ाया है. ताकि, 400-500 करोड़ रुपए आ जाएं. लाखों लोगों को राशन दिया है. कई खर्चे अपेक्षित नहीं थे. लेकिन वो करने पड़े हैं. कोरोना फंड में 250 करोड़ रुपए जनता ने दिए हैं.
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किसान की उपज मंडी तक पहुंच जाए इसके लिए आपने क्या किया. क्या किसान खुश हैं. इस सवाल पर हरियाणा के सीएम खट्टर ने कहा कि किसानों के उत्पाद 1100 मंडियों में बिके हैं. 12 दिन में 40 लाख मीट्रिक टन फसल आ गई है.
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हरियाणा में 75 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा फसल नहीं होती. बाकी जो आता है वो पड़ोसी राज्यों से आता है. इसलिए हमने सोचा है कि इस बार पहले हरियाणा की फसल खत्म होगी उसके बाद जरूरत पड़ी तो दूसरे राज्य से मंगवाएंगे. हमारे यहां किसान खुश हैं.
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खट्टर ने कहा कि मंडियों में जो किसानों के साथ खिलवाड़ करते थे. उनकी मेहनत पर अपना कब्जा करते थे. अब उन्हें ये करने को नहीं मिल रहा है. हमने ऐप बनावाया है. जहां सीधे किसान के उत्पाद और पेमेंट की सीधी जानकारी होती है. इससे किसान खुश हैं. बिचौलियों को दिक्कत हो रही है.
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