टेंशन में हैं DU के एडहॉक टीचर्स

डीयू में 4 साल के डिग्री प्रोग्राम के लिए नये सिलेबस और एडमिशन प्रक्रिया पर मंगलवार को एकेडमिक काउंसिल में अंतिम मुहर लगनी है. कॉलेजों के नये सुझावों के बाद कई और नये बदलाव होने तय हैं. लेकिन उससे पहले शिक्षकों के बीच भी बैचेनी बढ़ने लगी है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 मई 2013,
  • अपडेटेड 10:13 PM IST

डीयू में 4 साल के डिग्री प्रोग्राम के लिए नये सिलेबस और एडमिशन प्रक्रिया पर मंगलवार को एकेडमिक काउंसिल में अंतिम मुहर लगनी है. कॉलेजों के नये सुझावों के बाद कई और नये बदलाव होने तय हैं. लेकिन उससे पहले शिक्षकों के बीच भी बैचेनी बढ़ने लगी है.

डीयू में शुरू हो रहे 4 साल के डिग्री प्रोग्राम से डीयू के एडहॉक टीचर्स परेशानी में हैं. उन्हें लगता है कि इससे उनकी अस्थायी नौकरी को खतरा हो सकता है. लिहाजा मंगलवार को होने वाली एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग से पहले ये तमाम एडहॉक टीचर्स अपनी आवाज उठाने वीसी ऑफिस पहुंचे. इनकी मांग है कि तमाम एडहॉक टीचर्स को परमानेंट किया जाये.


गौरतलब है कि अभी डीयू में टीचर्स के करीब 4 हजार पद खाली हैं. मंगलवार को होने वाली एकेडमिक काउंसिल मीटिंग में कई नये सुझावों पर चर्चा होगी. जैसे-
- अब अटेंडेंस के मार्क्स नहीं जुडेंगे
- कम अटेंडेंस के आधार पर एग्जाम देने से नहीं रोका जायेगा
- एससी-एसटी और विकलांग छात्रों का एडमिशन अब सीधे कॉलेजों में
- अब तक ये सेंट्रलाइज्ड सिस्टम के तहत होते थे
- वहीं साइंस डिपार्टमेंट को छात्रों को बीटेक की डिग्री दे या ऑनर्स डिग्री देने की छूट

इसके अलावा एसआरसीसी का सुझाव है कि कट-ऑफ लिस्ट जारी होने के बाद लॉटरी के जरिये एडमिशन दिया जाये. क्योंकि अधिकतम कट ऑफ जारी करने बाद भी तय सीटों से ज्यादा छात्र एडमिशन के लिए पहुंचते हैं और कॉलेज को मजबूरन ये एडमिशन करने पड़ते हैं. लेकिन सबसे अलग एक कॉलेज को इस तरह की विशेष छूट मिलने की संभावना कम ही है.

मई का महीने अभी शुरू ही हुआ है की सूरज ने सितम ढाना शुरू कर दिया है. इलाहाबाद में पारा 46 डिग्री को पार कर चुका है तो नागपुर का भी कमोवेश यही हाल है. आदमी तो आदमी, जानवर भी अब त्राहीमाम करने लगे हैं. मई महीने के आगाज का जब ये आलम है तो मई गुजरते-गुजरते अंजाम का अंदाजा आप लगा सकते हैं.

सुझावों की लिस्ट में कई नये कोर्स के सुझाव भी हैं जिसमें नया कोर्स बैचलर इन मैनेजमेंट शामिल है. इसके अलावा भी 4 साल के डिग्री प्रोगाम को लेकर सैंकड़ों सुझावों का अंबार लगा है. लेकिन इनमें से कितने लागू हो पाते हैं, इस पर अंतिम फैसला मंगलवार होने वाली एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में होगा.

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