नित्यानंद: DPS की मान्यता रद्द होने के बाद हड़ताल पर बच्चे, अधर में भविष्य

दिल्ली पब्लिक स्कूल अहमदाबाद की CBSE की मान्यता रद्द होने से करीब 800 छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है. ये बच्चे स्कूल के बाहर प्रोटेस्ट कर रहे हैं.

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प्रदर्शन करते बच्चे (फोटो: ANI) प्रदर्शन करते बच्चे (फोटो: ANI)

गोपी घांघर

  • अहमदाबाद,
  • 04 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:55 PM IST

नित्यानंद विवाद के चलते दिल्ली पब्लिक स्कूल अहमदाबाद की CBSE की मान्यता रद्द हो गई है. मान्यता रद्द होने के बाद स्कूल को बंद कर दिया गया. इसके चलते अब करीब 800 छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है. ये बच्चे स्कूल के बाहर प्रोटेस्ट कर रहे हैं.  

बता दें कि गुजरात शिक्षा विभाग ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से अनुरोध किया था कि डीपीएस की मान्यता रद्द की जाए. विभाग ने कहा था कि बोर्ड को दिए गए एनओसी यानी अनापत्ति प्रमाण पत्र में कई अनियमितता और जालसाजी सामने आई है. जांच में आया है कि सीबीएसई सचिव के 21 नवंबर के पत्र में राज्य सरकार के एनओसी को शिक्षा विभाग ने कभी जारी नहीं किया है.

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अहमदाबाद दिल्ली पब्लिक स्कूल ईस्ट के बाहर धरने पर बेठे इन बच्चों की लगातार एक ही मांग है की उन्हें उनका स्कूल वापस चाहिए. दरअसल नित्यानंद आश्रम विवाद को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा डीपीएस ईस्ट की मान्यता रद्द कर उसे बंद कर दिया गया है. इसके बाद अभिभावकों ने इसका विरोध करते हुए बच्चों के साथ अनिश्र्चितकालीन धरना देना शुरु कर दिया है.

अब स्कूल की मान्यता रद्द होने के बाद डीपीएस ईस्ट फिर से शुरू करने की मांग को लेकर अभिभावकों ने अपना विरोध जारी रखा है. अभिभावकों की समस्या ये भी है कि बीच सेशन में वो बच्चों को किस तरह दूसरे स्कूल में भेजे. अब उनके सामने बच्चों के भविष्य को लेकर बड़ा सवाल है. छात्र भी अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं.

वहीं, स्कूल की संचालक मंजुला श्राफ और हितेन वसंत ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया है. पुलिस ने मंगलवार को मंजुला और हितेन के घर पर दबिश दी थी, लेकिन दोनों घरों पर नहीं मिले. स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा है कि फिलहाल सीबीएसई बोर्ड की टीम स्कूल से बात कर अलग फैसला लेगी.

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दूसरी तरफ बच्चों के लिए न्याय की गुहार लगाते अभिभावकों के लिए सब से बड़ा सवाल यही है कि फरवरी में फाइनल परीक्षा होने वाली है, ऐसे में वो किस तरह अपने बच्चों के भविष्य को बचा पाएंगे.  

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