मीटिंग से 3 घंटे पहले ट्रंप का ट्वीट- जल्‍द पता चलेगा डील होगी या नहीं

ट्रंप ने ट्वीट किया कि, 'प्रतिनिधियों के बीच बैठकें अच्छी तरह से हो रही हैं. लेकिन अंत में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. हम सब जल्द जान जाएंगे कि अतीत के विपरीत, असली सौदा हो सकता है या नहीं.'

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किम जोंग उन-डोनाल्‍ड ट्रंप किम जोंग उन-डोनाल्‍ड ट्रंप

रणविजय सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2018,
  • अपडेटेड 4:28 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की आज सिंगापुर में मुलाकात होनी है. पूरी दुनिया की नजरें इस मुलाकात पर टिकी हुई हैं. लेकिन मुलाकात से 3 घंटे पहले ट्रंप ने ट्वीट कर मीटिंग के सफल होने या न होने पर आशंका जताई है.

ट्रंप ने ट्वीट किया कि, 'प्रतिनिधियों के बीच बैठकें अच्छी तरह से हो रही हैं. लेकिन अंत में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. हम सब जल्द जान जाएंगे कि अतीत के विपरीत, असली सौदा हो सकता है या नहीं.'

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1 मिनट में पता लग जाएगा किम जोंग सीरियस है या नहीं

इससे पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ बैठक के दौरान उन्हें एक मिनट में ही इस बात का पता चल जाएगा कि किम जोंग डील करने को लेकर सीरियस हैं या नहीं. उन्होंने बैठक को नॉर्थ कोरिया के लिए एक आखिरी मौका भी करार दिया है.  

गौरतलब है कि, किम जोंग सोमवार को एयर चाइना के विमान से सिंगापुर पहुंचे हैं तो ट्रंप अमेरिका के एयरफोर्स वन से यहां पहुंचे हैं. इस मुलाकात में कोई कमी न रह जाए इसके लिए मेजबान सिंगापुर भी जबरदस्त तैयारी कर चुका है. इस तैयारी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि इस मीटिंग पर भारतीय रुपयों में करीब 100 करोड़ का खर्च आ रहा है.

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बता दें, दोनों नेताओं के बीच होने ये मुलाकात पहले रद्द हो गई थी. उस वक्‍त ट्रंप ने कहा था कि किम के हाल के बयानों से यह मुलाकात संभव नहीं है. दरअसल, मुलाकात तय होने के बाद ही किम ने चीन का दौरा किया था, जो अमेरिका की आंखों में खटकने लगा था. उसके बाद ही इस मुलाकात पर ग्रहण लग गया था. हालांकि उत्तर कोरिया ने संयम से काम लिया और इस मुलाकात को बहाल करने के लिए कूटनीतिक वार्ता शुरू की.

इस सिलसिले में किम ने उत्तर कोरिया के वरिष्ठ अधिकारी किम योंग चोल को अपना राजदूत बनाकर अमेरिका भेजा. किम योंग चोल ने वहां अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मुलाकात की और इसके बाद व्हाइट हाउस पहुंचकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिले. इस दौरान उन्होंने किम के खत को ट्रंप को सौंपा और वार्ता को लेकर उत्तर कोरिया का पक्ष रखा. इस पर ट्रंप सिंगापुर में 12 जून को किम से मुलाकात करने को फिर तैयार हो गए और फौरन इसका ऐलान कर दिया.

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