अमेरिका ने 60 रूसी राजनयिकों से देश छोड़ने को कहा, जासूस पर अटैक के बाद ट्रंप का आदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन में पूर्व रूसी जासूस पर केमिकल अटैक के मामले में 60 रूसी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दे दिया है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

राहुल विश्वकर्मा

  • वाशिंगटन,
  • 26 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 7:07 AM IST

जासूस सर्गेई स्क्रिपल पर केमिकल अटैक के मामले में रूस के खिलाफ अमेरिका समेत दुनिया के कई बड़े देश लामबंद हो गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जासूस पर केमिकल अटैक के मामले में 60 रूसी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दे दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार अमेरिका सिएटल स्थित रूसी वाणिज्य दूतावास को भी बंद करेगा.

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इधर पांच यूरोपियन देशों जर्मनी, पोलैंड, फ्रांस. यूक्रेन और लैटविया ने रूसी राजनयिकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इस मामले में अन्य यूरोपीय देशों ने भी रूसी राजनयिकों पर कार्रवाई की बात कही है.

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सेंडर्स ने कहा कि आज राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप ने अमेरिका से रूस के लगभग दर्जनभर खुफिया अधिकारियों को निष्कासित करने का आदेश दिया. इसके अलावा सिएटल में रूसी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का भी आदेश दिया क्योंकि यह हमारे पनडुब्बी और बोइंग के अड्डों के करीब है.

खुफिया एजेंसियों से जुड़े सभी रूसी राजनयिकों और उनके परिवार को देश छोड़ने के लिए सात दिन का वक्त दिया गया है.

सेंडर्स ने कहा कि आज की कार्रवाई, जिसमें अमेरिकियों पर जासूसी करने और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले गुप्त अभियान चलाने की रूस की क्षमता को घटाया गया है. इसके चलते अमेरिका और सुरक्षित हुआ है. यह कदम उठाकर अमेरिका और हमारे सहयोगियों तथा साझेदारों ने रूस को यह स्पष्ट कर दिया है कि उसकी गतिविधियों के दुष्परिणाम होंगे.

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गौरतलब है कि यूरोपीय यूनियन के नेता पिछले हफ़्ते ही इस बात को लेकर सहमत हुए थे कि दक्षिणी इंग्लैंड में पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया पर नर्व एजेंट से हमले के पीछे रूस का हाथ था.

इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ब्रिटेन और उसके सहयोगी देशों के इन आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया था कि चार मार्च को स्क्रिपल (66) और उनकी बेटी यूलिया (33) पर ब्रिटेन के सैलिसबरी में हुए केमिकल अटैक के पीछे रूस का हाथ है.

बता दें कि रूस के सेवानिवृत सैन्य खुफिया अधिकारी स्क्रिपल को ब्रिटेन के लिए जासूसी करने के आरोप में रूस ने वर्ष 2006 में 13 वर्ष की सजा सुनाई थी. हालांकि, बाद में उन्हें माफी मिल गई थी और ब्रिटेन ने उन्हें नागरिकता दे दी थी. वह तब से ब्रिटेन में ही रह रहे हैं.

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