दिल्ली में डीएनडी टोल फ्री हो जाने के बाद से ही जनता के लिए मूसीबत बने सड़क के बीचों बीच बने टोल बूथ को हटाने के मुद्दे पर एमसीडी और नोएडा प्राधिकण के बीच तकरार अभी भी बरकरार है. इस मुद्दे पर आज साउथ दिल्ली की मेयर कमलजीत सहरावत ने डीएनडी टोल का दौरा भी किया. मेयर ने डीएनडी फ्लाई ओवर जाकर ईसीसी और टोल टैक्स कलेक्शन में आ रही कठिनाई का जायजा लिया और इस मुद्दे के समाधान के तौर-तरीकों पर वहां मौजूद अधिकारियों के साथ बातचीत की.
दरअसल डीएनडी टोल फ्री होने के बाद से ही एमसीडी की ओर से टोल वसूली का ठेका लेने वाली कंपनी ने टोल कलेक्शन के लिए सड़क के बीचों बीच बूथ खड़े कर दिए. इससे डीएनडी पर आए दिन जाम लगता है और रात के वक्त ये कहीं ज़्यादा खतरनाक भी हो जाते हैं. साउथ एमसीडी ने हाल ही में टोल कलेक्शन का ठेका एक नई कंपनी को दिया है जिसने अपनी समस्या बताई है कि सिर्फ एक बूथ से ही रोजाना दिल्ली आने वाले हज़ारों ट्रकों से ईसीसी लेना और कमर्शियल गाड़ियों से टोल लेना मुमकिन नहीं है. इससे एमसीडी के टोल कलेक्शन में भी गिरावट आने की संभावना है जिसको देखते हुए साउथ एमसीडी ने नोएडा अथॉरिटी और डीएनडी प्रबंधन को पत्र लिखा था लेकिन बात नहीं बनी.
क्या है परेशानी
डीएनडी फ्री होने से एमसीडी के सामने टोल वसूली की समस्या तो है ही वहीं रोज़ाना डीएनडी इस्तेमाल करने वालों को भी यहां से गुज़रने पर जाम का सामना करना पड़ता है. कई बार टोल वसूलने के लिए ठेकेदार कंपनी के कर्मचारी बीच सड़क पर आ जाते हैं जो कि उनकी जान के लिए तो खतरनाक है ही वहीं इससे बड़ी दुर्घटना की आशंका भी हमेशा बनी रहती है.
आपको बता दें कि दिल्ली में आने वाली कमर्शियल गाड़ियों से एमसीडी व्यवसायिक टोल टैक्स वसूलती है. इसके अलावा हाल ही में कोर्ट के आदेशों के बाद ईसीसी कलेक्शन भी एमसीडी की ओर से टोल वसूलने वाली कंपनी को ही करना होता है. दिल्ली के सभी एंट्री पाइंट पर ये कलेक्शन किया जाता है.
रवीश पाल सिंह