मौत से एक दिन पहले क्या किया था ओम पुरी ने, बताया एक दोस्त ने

'रामभजन जिंदाबाद' के निर्माता खालिद किदवई ओम पुरी की मृत्यु के एक दिन पहले उनके साथ ही थी. उन्होंने बताया कि ओम जी ने गुरुवार को क्या किया था.

Advertisement
ओम पुरी ओम पुरी

आरजे आलोक

  • मुंबई,
  • 06 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

ओम पुरी फिलहाल 'रामभजन जिंदाबाद' नामक फिल्म में काम कर रहे थे. जिसके निर्माता खालिद किदवई गुरुवार शाम को ओम पुरी के साथ थे. किदवई ने ओम पुरी के साथ उनकी मृत्यु के पहले बिताई शाम के बारे में बताया.

मैं कल शाम को साढ़े पांच बजे ओम पुरी के घर गया था. वहां उनका एक इंटरव्यू चल रहा था. इंटरव्यू खत्म होने के बाद उन्होंने ने मुझसे कहा कि एक समारोह है क्या हमारे साथ चलोगे. मैंने कहा कि मुझे निमंत्रण नहीं है, मैं कैसे जाऊं. फिर उन्होंने कहा कि अच्छा ठीक है मुझे वहां तक छोड़ दो.

Advertisement

तो क्या ओम पुरी जानते थे अपनी मौत के बारे में!

उसके बाद हम कार से मनोज पाहवा के घर पहुंचे. वहां ओम पुरी जी का किसी से कुछ हॉट डिस्कशन हुआ. उसके बाद उन्होंने कहा कि चलो यहां से चलते हैं. साढ़े दस के करीब हमलोग वहां से चल दिए.

अब ओम जी की अपने बेटे से मिलने की इच्छा हो रही थी. सोसाइटी के बाहर पहुंचने पर उन्होंने अपने बेटे इशांत को फोन किया. इशांत तब तक पार्टी में ही था. उसने कहा कि पार्टी में ही आ जाओ. तब ओम जी ने कहा कि नहीं मैं पार्टी में नहीं आऊंगा.

नहीं रहे ओमपुरी, सलमान के साथ की अंतिम फिल्म की शूटिंग

ओम पुरी ने एक ड्रिंक ली और कहा कि अगर ड्रिंक खत्म होने तक बेटा नहीं आया तो चल देंगे. फिर हम कुछ देर बाद वहां से चल दिए. ओम जी बेटे को लेकर काफी भावुक थे. वो कह रहे थे कि पैसा, फ्लैट, नौकर सब कुछ मैं देता हूं, पर मुझे बेटे से मिलने नहीं देते.

Advertisement

रात के साढ़े 11 बज गए थे. अब मेरे जाने का वक्त हो गया था. चलते वक्त वो मुझसे गले मिले. उन्होंने कहा, बेटा मुझे तुम पर गर्व है. मैं तुम्हारे साथ हूं. उसके बाद मैं कार से घर चला आया. जब मैंने कार पार्क की तो देखा कि सीट के नीचे ओम जी का पर्स गिरा था. मैंने सोचा कि अब रात 12 बजे में क्या फोन करना, सुबह फोन कर उन्हें पर्स गिरने की जानकारी दूंगा.

फिर मैंने सुबह साढ़े छह बजे ओम पुरी जी को फोन किया. कोई जवाब नहीं मिलने पर मैंने उनके ड्राइवर को फोन किया और कहा कि ओम जी का पर्स ले जाना.

अर्धसत्य से आस्था और हेराफेरी से बजरंगी, ओम पुरी की 10 बेस्ट फिल्में

आठ बजे करीब उनके ड्राइवर का फोन आया और उसने मुझे ओम जी के निधन की सूचना दी. एक तरह से उनका पर्स अभी मेरे पास निशानी के तौर पर है, जिसे मैं सही मौके पर उनके घरवालों तक पंहुचा दूंगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement