'शोले में 'मौसीजी' सलीम-जावेद ने नहीं मैंने बनाया, खुद लिखता था संवाद'

भारत के नंबर वन न्यूज़ चैनल 'आजतक' के महामंच 'एजेंडा आजतक' के छठे सत्र में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने अपने जीवन और फ़िल्मी करियर को लेकर कई रोचक बातें बताई. 'यमला, पगला, दीवाना' सत्र में राजदीप सरदेसाई के साथ बातचीत के दौरान धम्रेंद्र ने बताया कि शोले के लिए अपने कई संवाद उन्होंने खुद लिखे.

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धर्मेंद्र धर्मेंद्र

वंदना भारती

  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:28 PM IST

भारत के नंबर वन न्यूज़ चैनल 'आजतक' के महामंच 'एजेंडा आजतक' के छठे सत्र में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने अपने जीवन और फ़िल्मी करियर को लेकर कई रोचक बातें बताई. 'यमला, पगला, दीवाना' सत्र में राजदीप सरदेसाई के साथ बातचीत के दौरान धम्रेंद्र ने बताया कि शोले के लिए अपने कई संवाद उन्होंने खुद लिखे.

शुक्रवार को एक सवाल के जवाब में धमेंद्र ने कहा, 'शोले में 'मौसीजी' की लाइन उन्होंने खुद लिखी. शोले के सारे संवाद सलीम-जावेद ने नहीं लिखा था. मैं कॉमेडी एन्जॉय करता हूं. मैं कुछ भी बोल जाता था. मैं अपने संवाद खुद बनाता था. कॉमेडी नशा है.'

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धर्मेंद्र ने कहा, हीमैन रोमांस इमोशनल चीजें हो जाती हैं, लेकिन कॉमेडी मुश्किल है. टाइमिंग सही नहीं हो तो सब गलत हो जाएगा. महमूद को मैं कहता था बचकर रहना. महमूद के साथ हीरो काम करने से झिझकते थे. कॉमेडी में बहुत कुछ अंदर से आता है.'

आज पैसों के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं सितारे

फिल्म इंडस्ट्री के मौजूदा हालात पर धर्मेंद्र ने चिंता जताई. उन्होंने कहा, 'आज ये इंडस्ट्री नहीं मंडी बन गई है. पैसों के लिए किसी से कुछ भी करवा लो. देव अनांद में जो था अब किसी में नहीं है. अब लोग कहीं भी नाचने-गाने चले जाते हैं. अब वो बात नहीं रही.'

मधुबाला इंस्पिरेशन से भी ज्यादा

धर्मेंद्र ने कहा, मेरे लिए दिलीप कुमार इंस्पिरेशन थे और मधुबाला उससे भी ज्यादा. शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा, 'मैं दिलीप कुमार और हीरोइनों को देखकर सोचता था कि ये अप्सराएं हैं. सोचता था कहां रहते हैं ये लोग? दिलीप कुमार प्रेरणा थे. मधुबाला तो प्रेरणा से भी ज्यादा थीं.

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धर्मेंद्र ने बताया कि वो बॉलीवुड में पैसे कमाने नहीं आए थे. उन्होंने कहा, 'मैं लोगों के दिलों में जगह बनाना चाहता था. लोग मुझे अपना भाई दोस्त समझते हैं. इसे देखकर मुझे खुशी होती है. मैं आज भी अपनी मिट्टी को नहीं भूला हूं. आज भी जिम्मेदारी वही है. अपने लोगों से उतनी ही मोहब्बत है.' धर्मेंद्र ने कहा, 'आज मैं सोचता हूं कि मुझमें भी कोई बात थी तभी लोगों ने मुझे इतना पसंद किया.'

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