नोटबंदी की सालगिरह पर मोदी सरकार के खिलाफ में विपक्ष का ये प्लान

आजाद ने करीब एक घंटे तक चली बैठक के बाद संवाददातओं को बताया कि यह शुरुआती बैठक थी और उनसे कहा गया है कि आगे कुछ भी तय करते समय सभी 18 विपक्षी दलों के साथ विचार विमर्श किया जाए.

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8 नवंबर 2016 को लागू हुई थी नोटबंदी 8 नवंबर 2016 को लागू हुई थी नोटबंदी

जावेद अख़्तर / BHASHA

  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 10:41 PM IST

नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर पूरा विपक्ष 8 नवंबर को मोदी सरकार के खिलाफ साझा विरोध की योजना बना रहा है. विपक्ष का मानना है कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है और रोजगार का संकट भी खड़ा हो गया है.

कांग्रेस के नेतृत्व में हुई बैठक

कांग्रेस के नेतृत्व में कुछ विपक्षी दलों की सोमवार को संसद में बैठक हुई. इस मीटिंग में विरोध को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई. मीटिंग में कांग्रेस के अलावा लेफ्ट, बसपा, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और जदयू नेताओं की राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाब नबी आजाद के कक्ष में चर्चा हुई. ये नेता विपक्षी समन्यव समिति में शामिल हैं.

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बैठक में विरोध के तौर तरीकों पर चर्चा की गई. आजाद ने करीब एक घंटे तक चली बैठक के बाद संवाददातओं को बताया कि यह शुरुआती बैठक थी और उनसे कहा गया है कि आगे कुछ भी तय करते समय सभी 18 विपक्षी दलों के साथ विचार विमर्श किया जाए. गुलाम नबी ने बताया, 'हम जल्द ही योजना बना लेंगे और समन्वय बना लेंगे'.

सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष इस अवसर पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करना चाहता है ताकि नोटबंदी के निर्णय के दुष्प्रभावों को उजागर किया जा सके. बैठक के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा, 'आज विपक्षी समन्वय समिति की बैठक हुई. 6 पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद थे. हमने संसद सत्र से पहले मिलने का निर्णय किया. हम कल अपनी योजना की घोषणा करेंगे'.

वहीं भाकपा के नेता डी राजा ने बताया कि गुलाम नबी आजाद को अन्य विपक्षी दलों के साथ इस मुद्दे बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई है. हम अपनी योजनाओं का खाका तैयार करने के लिए फिर मिलेंगे.

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