एयर पल्यूशन से दिल्ली में मरेंगे सबसे ज्यादा लोग

साउथ एशिया में शहरीकरण के लाभ पर नवीनतम विश्व बैंक की रिपोर्ट में दिल्ली सहित प्रमुख शहरों को वायु प्रदूषण के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में पहचाना गया है. विकासशील देशों के 381 शहरों में दिल्ली की स्थिति सबसे खराब है, वहीं 20 में से 19 सबसे खराब प्रदूषित शहर साउथ एशिया से ही हैं.

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एयर पल्यूशन से दिल्ली में मरेंगे सबसे ज्यादा लोग एयर पल्यूशन से दिल्ली में मरेंगे सबसे ज्यादा लोग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 3:28 PM IST

साउथ एशिया में शहरीकरण के लाभ पर नवीनतम विश्व बैंक की रिपोर्ट में दिल्ली सहित प्रमुख शहरों को वायु प्रदूषण के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में पहचाना गया है. विकासशील देशों के 381 शहरों में दिल्ली की स्थिति सबसे खराब है, वहीं 20 में से 19 सबसे खराब प्रदूषित शहर साउथ एशिया से ही हैं.

दिल्ली में वायु प्रदुषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले 10 सालों में दुनिया में वायु प्रदूषण के शिकार सबसे ज्यादा लोग दिल्ली में होंगे. इस रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर प्रदूषण स्तर को काबू में नहीं किया गया तो साल 2025 तक दिल्ली में हर साल करीब 32,000 लोग प्रदूषित वायु के शिकार होंगे.

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जानलेवा प्रदूषण स्तर की रिपोर्ट पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए गैर सरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवारनमेंट’(सी एस ई) की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी ने बताया कि हैं कि यह बात बिल्कुल सही है कि दिल्ली में प्रदूषण की मात्रा बहुत ज्यादा है, इससे जो खतरा है और इससे जनसेहत पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में हम सबको पता है. हमारे पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली में हर घंटे एक मौत होती है.'

नेचर पत्रिका में प्रकाशित ताजा शोध के मुताबिक दुनियाभर में 33 लाख लोग हर साल वायु प्रदूषण के शिकार होते हैं. पूरी दुनिया के लिहाज से देखें तो भारत, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रदूषण से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. रिपोर्ट में खतरे से आगाह करते हुए यह कहा गया है कि जिस तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है उससे साल 2050 तक पूरी दुनिय़ा में हर साल 66 लाख लोगों की मौत का कारण वायु प्रदूषण होगा.

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दरअसल इस खतरे के मुख्य कारण 2.5 माइक्रो मीटर व्यास वाला धुएं में मौजूद एक पार्टिकल और वाहनों से निकलने वाली गैस नाइट्रोजन ऑक्साइड है, जिसके कारण वायु प्रदूषण से हुई मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है.

 

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