राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधन एक्ट के नाम पर तीन दिनों तक उपद्रवियों ने बवाल किया. इस हिंसा में अभी तक 38 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और पुलिस के मुताबिक अब हालात काबू में हैं. अस्पताल में घायलों की लाइन लगी है और अस्पताल के बाहर परिजन परेशान हैं. परेशानी के इस वक्त में दिल्ली में कुछ लोग इनको खाना खिला रहे हैं, जिन लोगों का घर बर्बाद हो गया है उनकी मदद की जा रही है. तनाव के इस माहौल में ऐसी तस्वीरें अमन की आशा पैदा करती हैं.
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दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल के बाहर खड़े लोगों को खाना दे रहे मूसा अल्वी ने बताया, ‘अस्पताल के बाहर कई घायल लोगों के परिजन आए हैं, कुछ शव को देखने आए हैं. ऐसे में हम उन लोगों की मदद कर रहे हैं और उन्हें खाना दे रहे हैं.’
मूसा ने बताया कि ये किसी राजनीतिक दल की ओर से नहीं हो रहा है, बल्कि वह खुद लोगों की मदद करने आए हैं. सिर्फ मूसा अल्वी ही नहीं बल्कि ऐसे कई लोग हैं, जो इस मुश्किल की घड़ी में एक दूसरे की मदद करते नज़र आए हैं. फिर चाहे घायलों को अस्पताल पहुंचाना हो, किसी को भीड़ से बचाना हो.
दिल्ली हिंसा में अबतक 38 की मौत
बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा में अबतक 38 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, दिल्ली के अस्पतालों ने आधिकारिक आंकड़ा जारी किया है. नागरिकता संशोधन एक्ट के नाम पर उत्तर पूर्वी इलाके में तीन दिन तक हिंसा होती रही, इस दौरान आगजनी हुई, पत्थरबाजी हुई. कई लोगों के घरों, दुकानों को जला दिया गया.
हालांकि, पुलिस की ओर से अब हालात पर काबू पाया जा रहा है. हिंसा प्रभावित इलाकों में दिल्ली पुलिस, अर्धसैनिक बल फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं.
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