विजेंद्र गुप्ता बोले- दिल्ली में सिटीजन चार्टर एक्ट बना कागज का टुकड़ा

उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा में विपक्ष सरकार के इस ढुलमुल रवैये का विरोध करेगा. इस स्कीम के जरिये विभागों को ई-गवर्नेन्स के माध्यम से नागरिकों को सेवाएं प्रदान करनी थी, परन्तु अधिकतर विभाग इस प्रकार की सेवाएं लागू करने में असफल रहे हैं.

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विजेंद्र गुप्ता (फाइल) विजेंद्र गुप्ता (फाइल)

मणिदीप शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2018,
  • अपडेटेड 12:58 AM IST

सिटीजन चार्टर एक्ट को लेकर बीजेपी के विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधा है. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता का कहना है कि केजरीवाल सरकार ने आम नागरिक को समयबद्ध सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार देने वाले सिटीजन चार्टर को जानबूझकर पूरी तरह से प्रभावहीन बना दिया है.

उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा में विपक्ष सरकार के इस ढुलमुल रवैये का विरोध करेगा. इस स्कीम के जरिये विभागों को ई-गवर्नेन्स के माध्यम से नागरिकों को सेवाएं प्रदान करनी थी, परन्तु अधिकतर विभाग इस प्रकार की सेवाएं लागू करने में असफल रहे हैं.

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उन्होंने आरोप लगाया कि  यहां तक की अनेक विभागों द्वारा सिटीजन चार्टर ही नहीं लागू किया गया है. विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से मांग की है कि वे अविलम्ब यह सुनिश्चित करें कि सभी विभाग सिटीजन चार्टर को गंभीरता पूर्वक लागू करें.

BJP नेता बोले कि सरकार ने दिल्ली विधानसभा में 11 अगस्त, 2017 को दिल्ली संशोधन विधेयक 2017 पारित करवाया था. इससे आशा बंधी थी कि इस बिल के पारित हो जाने के पश्चात नागरिकों को विभिन्न सेवाएं समयबद्ध रूप में मिलने लगेंगी.लेकिन सरकार के सरकार के ढुलमुल रवैये के चलते यह कानून कागज का टुकड़ा बनकर रह गया.

उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा इस संशोधित विधेयक के माध्यम से नागरिकों को सेवा में विलम्ब होने पर क्षतिपूर्ति दिलाने के बजाए सस्ती वाह-वाही लूटने की थी.

विपक्ष के नेता ने बताया कि विधेयक में विलम्ब होने पर 10 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से और अधिकतम 200 रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में देने का प्रावधान रखा गया था. परन्तु यह अधिकतम सीमा अभी तक जस की तस है. इस छोटी-सी राशि को वसूल करने के लिए भी नागरिकों को अनेक पापड़ बेलने का प्रावधान रखा गया है, इसके कारण अधिकारियों में पेनाल्टी को लेकर कोई भय नहीं है.

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