दिल्ली: स्पीकर ने राजस्व, शिक्षा और ऊर्जा विभाग के मुख्य सचिवों को किया तलब

स्पीकर राम निवास गोयल ने कहा कि जिस तरह से अधिकारी सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं, यह स्थिति आपातकाल से भी बढ़कर नजर आ रही है. विधायकों के सवालों के जवाब न देने पर स्पीकर ने राजस्व, शिक्षा और ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिवों को गुरुवार 7 जून को सदन में उपस्तिथ रहने के निर्देश दिए हैं.

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स्पीकर राम निवास गोयल स्पीकर राम निवास गोयल

अजीत तिवारी / पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 07 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST

दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन स्पीकर राम निवास गोयल ने विधायकों द्वारा सवालों के जवाब न मिलने पर नाराजगी जताई है. स्पीकर ने राजस्व, शिक्षा, ऊर्जा विभाग के मुख्य सचिवों को गुरुवार को सदन के समक्ष पेश होने के लिए निर्देश दिए हैं.

स्पीकर राम निवास गोयल ने कहा कि जिस तरह से अधिकारी सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं, यह स्थिति आपातकाल से भी बढ़कर नजर आ रही है. विधायकों के सवालों के जवाब न देने पर स्पीकर ने राजस्व, शिक्षा और ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिवों को गुरुवार 7 जून को सदन में उपस्तिथ रहने के निर्देश दिए हैं.

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स्पीकर ने आगे कहा कि राजस्व विभाग से जुड़े 2 सवाल, शिक्षा और ऊर्जा से जुड़ा एक सवाल का जवाब नहीं दिया गया है. अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विधायकों द्वारा पूछे गए इन सवालों के जवाब मंत्रियों के माध्यम से सदन में पेश किए जाएं. अधिकारियों द्वारा सवालों का जवाब न देना सदन का अपमान है.

आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सवालों के जवाब न मिलने पर सदन में जमकर हंगामा भी किया. तमाम विधायक स्पीकर के सामने वेल में आकर नारे लगाने लगे. इसके बाद सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया था.

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी सदन में पूछा कि यह कैसे संभव है कि शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक, विधानसभा को यह बताने से मना कर दें कि स्कूलों में शिक्षकों के कितने पद खाली हैं? वह भी इस अजीब तर्क के साथ कि यह मामला 'सर्विस-मैटर्स' के तहत आता है अतः यह विधानसभा के दायरे से बाहर है.

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वहीं आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने भी सवालों के जवाब न मिलने पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि अधिकारी अब तक सरकार/मंत्रियों/CM की ना तो मीटिंग्स में जा रहे हैं और ना ही जनता के द्वारा चुने गए जन-प्रतिनिधियों को जनता से सम्बंधित प्रश्नों के जवाब सदन में दे रहे हैं. अधिकारी यह सब क्या एलजी के कहने पर कर रहे हैं? दिल्ली की जनता से किस बात की दुश्मनी निकाली जा रही है?

आपको बता दें कि इसी साल बजट सत्र के दौरान भी कई विभागों से जुड़े सवालों के जवाब न मिलने पर सदन में स्पीकर, मंत्रियों और विधायकों ने एलजी अनिल बैजल के खिलाफ काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया था.

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